शराबबंदी के संकल्प को बुलंद आवाज़ और बल देने के लिए दुनिया की सबसे विराट मानव श्रंख्ला रचकर, आज पूरे बिहार ने दुनिया को “शराब को ना कहना” का संदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस संकल्प ने शनिवार को ऐतिहासिक बुलंदी हासिल की। पिछले साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह में शुरू हुआ शराबबंदी का सफर तमाम अवरोध को लाघंता हुआ अब नशामुक्त बिहार के सर्वसम्मत संकल्प तक आ पहुंचा जिसे आज पूरे दुनिया ने देखा। एक-दो प्रभावहीन आपत्तियों को छोड़कर राज्य के सभी राजनीतिक पक्ष-विपक्ष के साथ राज्य के आम-खास सभी लोगों ने हाथ से हाथ जोड़कर नशामुक्ति के संकल्प को दोहराया। किसी राज्य के इतिहास में किसी अभियान के लिए ऐसी एकजुटता इससे पहले कभी नही हुई।

आज शराब मुक्त हो चुके हजारों परिवार अपने इस नीतिश के उस कदम की बड़ाई कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद को यह कहने से नहीं रोक पाए कि समाज की भलाई के लिए नीतीश ने जो कदम उठाया,वह बहुत हिम्मत की बात है।  वैसे यह कार्यक्रम विवादों से भी घिरा रहा। दअरसल, बच्चों को इस मानव श्रृंखला का हिस्सा बनाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने बिहार सरकार से इस मसले पर जवाब भी मांगा था, जिसके बाद सरकार ने न्यायालय को लिखित में वचन दिया कि किसी भी स्कूली छात्र, छात्रा या बच्चों को जबरन मानव श्रृंखला का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। सरकार ने यह भी कहां कि बिहार से गुजरने वाली सभी राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग को भी पूरी तरह बंद नही किया जाएगा। सरकार के इस आश्र्वसन के बाद हाईकोर्ट ने इस कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी थी।

मानव श्रृंखला के लिए राज्य सरकार की तैयारी

  • 11,292 किमी की बनी विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रंख्ला
  • 2 करोड़ लोगों ने भाग लिया
  • मीडिया, एंबुलेंस, अग्निसेवा वाहन, पानी टैंकर, मरीज की गाड़ी के परिचालन पर छूट
  • ISRO के 3 सैटेलाइट, 4 हेलिकॉप्टर से ली गई तस्वीरें
  • सभी जिलों में ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीरें
  • सुबह 10 से 3 बजे तक वाहन परिचालन पर रोक
  • दोपहर 15 से 1 बजे तक बनी मानव श्रृंखला

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