Sports News: भारतीय पैराएथलीट राघवेंद्र ने लंदन में आयोजित कॉमनवेल्थ तलवारबाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर रजत पदक अपने नाम किया। कर्नाटक के पैराएथलीट राघवेंद्र ने साबित कर दिया कि मजबूत इच्छाशक्ति के आगे उनकी दिव्यांगता भी हार गई। सारी बाधाओं को पछाड़ते हुए राघवेंद्र ने व्हीलचेयर एपी वर्ग में रजत पदक भारत की झोली में डाला। कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले देश के पहले पैराएथलीट बने। राघवेंद्र को फाइनल में इंग्लनैंड के दिमित्री के हाथों शिकस्त मिली।इस चैंपियनशिप में भारत के ही देवेंद्र कुमार ने कांस्य पदक हासिल किया।
Sports News: हर चुनौती का डटकर किया सामना
जीत से उत्साहित राघवेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी की हर चुनौती का डटकर सामना किया। हर मुसीबतों के बावजूद न केवल खुद को संभाला बल्कि मां का सहारा भी बने। आज मुकाम हासिल कर बेहद खुश हैं। वे अपने बारे में बताते हैं कि महज 7 वर्ष की उम्र में बुखार के बाद डॉक्टर ने मुझे पेनिसिलिन का टीका लगाया। जिसके बाद उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद लगातार 1 वर्ष तक अस्पताल में इलाज भी चला।
इस दौरान डॉक्टर्स की कोशिशों के बाद ही केवल शरीर के ऊपरी हिस्से ने काम करना शुरू किया। तभी से जिंदगी व्हीलचेयर के भरोसे गुजारी। इसी बीच एक सड़क हादसे में पिताजी अलग हो गए। बावजूद इसके हार नहीं मानी और वर्ष 2013 से खेलना शुरू किया।
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