दुनिया में टेनिस पर अपनी बादशाहत कायम करने वाली दिग्गज खिलाड़ी सेरेना विलियम्स विवादों में घिर गई हैं। खेल के दौरान उन्होंने न सिर्फ खेल के नियम तोड़े बल्कि अंपायर के रोके जाने के बाद उनको अपशब्द भी कहा। अमेरिकी टेनिस एसोसिएशन ने सेरेना विलियम्स को नियमों को तोड़ने के लिए 17 हजार डॉलर का जुर्माना ठोका है। एसोसिएशन ने सेरेना को तीन मामले में जुर्माना लगाया। इसमें कोचिंग लेने के लिए 4 हजार डॉलर, रैकेट पटकने के लिए 3 हजार डॉलर और चेयर अंपायर के साथ बदसलूकी करने पर 10 हजार डॉलर का जुर्माना शामिल है। इसके साथ ही अमेरिका की दिग्गज टेनिस प्लेयर सेरेना विलियम्स के पास इतिहास रचने का मौका था लेकिन वह चूक गईं और फाइनल में जापान की नाओमी ओसाका से हार गईं।
जापान की नाओमी ओसाका ने फाइनल मुकाबले में सेरेना विलियम्स पर 6-2, 6-4 से जीत दर्ज की। ओसाका का यह पहला ग्रैंडस्लैम खिताब है। जापान की ओर से ये कारनामा करने वालीं ओसाका पहली खिलाड़ी बनीं। बता दें कि इस मैच में काफी विवाद भी देखने को मिला। मुकाबले के दूसरे सेट के दौरान सेरेना को चेयर अंपायर ने पेनल्टी दी जिसके बाद वह भड़क गईं। सेरेना को दूसरे सेट में अंपायर कार्लोस रामोस ने सेरेना के कोच के इशारे और उनकी मदद लेने के कारण चेतावनी दी। रैकेट से फाउल पर सेरेना को जब दूसरी बार आचार संहिता के उल्लंघन की चेतावनी और एक अंक की पेनल्टी दी गई तो यह अमेरिकी खिलाड़ी गुस्से से भड़क गईं। अंपायर रामोस ने इसके बाद नाराज सेरेना को अंपायर संहिता के तीसरे उल्लंघन के लिए एक गेम की पेनल्टी दी, जिससे ओसाका दूसरे सेट में 5-3 से आगे और जीत से एक गेम दूर हो गईं।
पूरे मामले में सेरेना ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने कभी बेईमानी नहीं की है। अंपायर का रवैया ठीक नहीं है। अंपायर ने उनके साथ लैंगिंक भेदभाव किया। एक गेम का जुर्माना लगाना ठीक नहीं था। पुरुषों के मुकाबलों में अगर यही होता तो अंपायर जुर्माना नहीं लगाते।’