Nikhat Zareen: भारतीय मुक्केबाज निखत ज़रीन गुरुवार को 52 किलोग्राम वेट कैटेगरी (52 भारवर्ग) में विश्व चैंपियन बन गई हैं। निखत ज़रीन ने थाईलैंड की जितपोंग जुटामेंस को 5-0 से हराया है। बता दें कि निखत भारत की पांचवीं महिला मुक्केबाज बन गई हैं, जिसने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। बता दें कि भारत को चार साल बाद इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक मिला है। इससे पहले यह पदक मैरीकोम ने 2018 में जीता था। बीते दिन हुए मुकाबले में विजेता की घोषणा होने के बाद जरीन इतनी ज्यादा खुश नज़र आईं, वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। वह खुशी में कूदने लगी और अपने आंसू तक नहीं रोक पाई।
कौन हैं Nikhat Zareen?
निखत ज़रीन तेलंगाना की रहने वाली हैं। उनका जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ था। 25 साल की ज़रीन ने भारत को 5वां स्वर्ण पदक दिलाने में सफलता हासिल की है। इसके पहेल 2019 में निखत एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक की विजेता रही हैं। निखत के मुक्केबाज बनने की कहानी भी दिलचस्प है। उनके पिता का नाम मोहम्मद जमील है।
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निखत में खेल का हुनर उनके पिता से ही आया है। उनके पिता फुटबॉल और क्रिकेट खेलते थे। उनकी 4 बेटियां थी। वह चाहते थे कि उनकी एक बेटी खेल में अपना नाम बनाएं। उन्होंने अपने तीसरे नंबर की बेटी निखत के लिए एथलेटिक्स को चुना और कम उम्र में ही निखत ने अपने पिता के भरोसे को सही साबित करके दिखा दिया है। निखत 14 साल की उम्र में ही वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैम्पियन बन चुकी हैं।
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25 साल की उम्र में विश्व चैम्पियन बनने वाली मुक्केबाज़ बनी निखत
हालांकि निखत के लिए चैंपियनशिप की राह आसान नहीं थी। क्योंकि मुक्केबाजी ऐसा खेल है, जिसमें लड़कियों को ट्रेनिंग या बाउट के दौरान शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनना पड़ता है। निखत के परिवार में शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनना स्वीकार नहीं था। लेकिन निखत को पिता और मां परवीन सुल्ताना दोनों का पूरा साथ मिला।
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इन मुक्केबाजों ने भारत को दिलाया है स्वर्णपदक
एमसी मैरीकोम 6 बार रह चुकी हैं विजेता- 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018
सरिता देवी- (2006) में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक
जेनी आरएल- (2006) में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक
लेखा केसी- (2006) में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक
निखत ज़रीन- (2022) भारत को दिलाया स्वर्ण पदक
ज़रीन विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं।
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