Surya Grahan 2023:वैशाख माह की अमावस्या यानी 20 अप्रैल, गुरुवार को पड़ रही है। इसी साल का पहला सूर्य ग्रहण भी इसी दिन पड़ रहा है। हिंदू धर्म में सभी अमावस्या को स्नान-दान, श्राद्ध-तर्पण आदि कार्यों के लिए बहुत उपयुक्त माना गया है। दरअसल अमावस्या का दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। पितरों की कृपा हो तो घर-परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि रहती है।पितृ दोष जीवन जातक के जीवन में ढेरों कष्ट देता है।
ऐसे में वैशाख अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने की वजह से लोग अभी असमंजस की स्थिति हैं।लोगों को संशय है कि सूर्य ग्रहण के चलते पूजा-पाठ, स्नान-दान, उपाय के लिए कौन सा समय शुभ रहेगा? 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण सुबह 07:04 बजे से शुरू होगा। समापन दोपहर 12:29 बजे होगा। उपच्छाया सूर्य ग्रहण है, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। वरना 12 घंटे पहले से सूर्य ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाता है। वैशाख अमावस्या तिथि 19 अप्रैल को सुबह 11:23 से लेकर 20 अप्रैल की सुबह 09:41 तक है।अधिकतर ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य ग्रहण के कारण अमावस्या के स्नान-दान, पूजा-उपाय में कोई अड़चन नहीं आएगी।
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Surya Grahan 2023:अमावस पर इस तरह करें पितरों को प्रसन्न
- अमावस्या के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर हाथ में कुश की बनी मुद्रिका पहन लें या कुश लेकर हाथ से जल से तर्पण दें। इससे पितृ तृप्त होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे।
वैशाख अमावस्या पर पितरों के देवता अर्यमा की पूजा करने का महत्व है।अर्यमा महर्षि कश्यप और देवमाता अदिति के पुत्र है। इन्हें पितरों में श्रेष्ठ माना गया है। इनकी पूजा करने से पितृ दोष दूर होते हैं।
वैशाख अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान करें या उनका श्राद्ध कर्म करें।इससे वंश वृद्धि होती है। घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
अमावस्या के दिन पितरों की पसंद का भोजन बनाकर कौआ, गाय, कुत्ता को खिलाएं. ब्राहमणों को भी भोजन कराएं। दान जरूर करें।
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