RamNavami 2022: मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की कृपा पाना चाहते हैं, तो सच्चे मन से उनकी शरण में जाएं आपको मनवांछित फल की प्राप्ति के साथ ही सुख भी मिलेगा। प्रभु श्रीराम चंद्र की बात रामचरितमानस के बिना अधूरी है। गोस्वामी तुलसीदास जी कृत श्रीराम चरित मानस में वर्णित दोहे, सौरठे, सवैये और चौपाइयों में इतनी शक्ति समाहित है, कि इनके पढ़ने मात्र से ही प्राणि के हर संकट, क्लेश और विपत्तियों का अंत हो जाता है। आइये बताते हैं, कौन सी चौपाइयों को पढ़ने मात्र से होता है हर कष्ट का निवारण।

RamNavami 2022: जानें राम नाम की महिमा

गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने कहा कि कलयुग में जो भी व्यक्ति पूरे विनय, भाव से प्रभु श्रीराम के नाम गाएगा, उन्हें भवसागर से मुक्ति मिलेगी। राम नाम दो शब्दों के संयोग से मिलकर बना है।रम् धातु घञ् प्रत्यय से राम शब्द का निष्पन्न हुआ है। रम् धातु का अर्थ है रमण । जो प्रत्येक के ह्रदय में रमण (निवास ) करते हैं वे प्रभु श्री राम हैं। भक्त जिनके रमण ( ध्यान में लीन ) करते हैं वे राम हैं।
राम का अर्थ अपार्थिव सुन्दरता भी होता है अर्थात जिनके सुन्दरता वर्णन करने में देवता भी सक्षम नहीं हैं। गोस्वामी जी ने रामचरितमानस में सात कांड का वर्णन किया गया है। जिसमें बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, लंका कांड, सुंदर कांड तथा उत्तरकाण्ड सम्मलित हैं। जिसमें सभी कांड में तुलसीदास जी ने अपने भाव प्रकट किए हैं।
भगवान महादेव ने बताई श्रीराम नाम की महिमा

श्रीराम रक्षास्तोत्रम और पदम पुराण के अनुसार श्रीराम जी के नाम महत्व उनके नाम से भी बड़ा है। इसी संदर्भ में कहा गया है कि राम रामेति रामेति, रमे रामे मनारमे। सहस्त्रनाम ततुल्यं, रामनाम वरानने।।
इस श्लोक के माध्यम से भगवान शिव ने मां पार्वती को बताया है कि प्रभु श्रीराम नाम को जपते-जपते मैं परम मनोहर श्रीराम नाम में ही निरंतर रमण किया करता हूं। राम नाम संपूर्ण सहस्त्रनाम के समान है।
जानें श्रीरामचरित मानस की वे चौपाइयां जो आपके जीवन से हर संकट को दूर करतीं हैं
इनके जाप से पूर्व आपको नहाधोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने होंगे। इसके बाद मन ही मन प्रभु श्रीरम का नाम स्मरण करना होगा। श्रीराम जी की प्रतिमा के आगे जोत जगाकर, धूप दिखाएं, पुष्प के साथ ही एक तुलसी दल भी अर्पित करें। इसके बाद मन ही मन अपनी समस्या श्रीराम को बताएं। उनके स्मरण के बाद ही निम्न चौपाइयों को कम से कम
5 बार अन्यथा 11 बार जप करें। जय श्रीराम
1- मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण के लिए करें इस चौपाई का जाप

‘कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।
2- भय और संशय निवृत्ति के लिए
‘रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।
3- विद्या प्राप्ति के लिए
‘गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब आई।।
4- मंगलकामना के लिए
मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवउ सोदशरथ अजिर बिहारी ।।
5- लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए
जिमि सरिता सागर मंहु जाही।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं।
धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।।
6- संकट से बचने के लिए
दीन दयालु विरद संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।।
7- विपत्ति दूर करने के लिए
राजीव नयन धरे धनु सायक।
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक।।
8- विवाह में आ रही है बाधा
तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह! साज संवारि कै!!
मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला कुंअरि लई हंकारि कै!!

9- गृह शांति के लिए
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू!
महामोह निसि दलन दिनेसू!!
10- संतान प्राप्ति के लिए
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख संपत्ति नाना विधि पावहिं।।
सुर दुर्लभ सुख करि जग माहीं। अंतकाल रघुपति पुर पाहीं।।
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