Navratri 2022: षष्‍ठी पूजा के साथ होगा दुर्गा पूजा का आगाज, देवी भगवती के स्‍वागत के लिए पंडाल सजकर तैयार

Navratri 2022: आज से लगातार 4 दिन तक चलने वाले इस पर्व में बड़ी संख्‍या में भक्‍तों के जुटने की संभावना है।षष्ठी को मां के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है।इसके साथ ही मां की सुंदर मूर्तियों की आंखों पर बांधी गई पट्टी भी खोली जाती है।

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Navratri 2022: Dugr Puja ki news
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Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि का खास मौका यानी दुर्गा पूजा का आगाज आज यानी षष्‍ठी पूजा के साथ होने जा रहा है।इसके लिए दिल्‍ली-एनसीआर में जगह-जगह भव्‍य पंडाल सजकर तैयार हो चुके हैं।आज से लगातार 4 दिन तक चलने वाले इस पर्व में बड़ी संख्‍या में भक्‍तों के जुटने की संभावना है।षष्ठी को मां के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है।इसके साथ ही मां की सुंदर मूर्तियों की आंखों पर बांधी गई पट्टी भी खोली जाती है।इसके साथ ही दुर्गा उत्सव की शुरुआत हो जाती है। भक्त मां के दर्शन के लिए पंडालों में आने लगते हैं। खासतौर से दुर्गा उत्सव पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, झारखंड और बिहार आदि राज्यों का प्रमुख त्योहार है।

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Navratri 2022: दुर्गा पूजा मनाने के पीछे की वजह

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दुर्गा पूजा मनाए जाने के पीछे अलग-अलग तरह की धार्मिक मान्यताएं हैं। एक मान्‍यता के अनुसार, देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था, इसलिए बुराई पर अच्‍छाई के प्रतीक के रूप में नवदुर्गा की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई।कुछ लोगों का मानना है कि साल के इन्‍हीं दिनों में मां दुर्गा अपने मायके आती हैं। इसी खुशी में इन दिनों को दुर्गा उत्‍सव के रूप में मनाया जाता है।

Navratri 2022: भक्तों को मिलता है आशीर्वाद

पितर पक्ष के अंतिम दिन को महालया कहते हैं, शास्‍त्रों के अनुसार महालया के दिन शाम को मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्‍वी की ओर प्रस्थान करती हैं। महालया के बाद वाले सप्‍ताह को देबी पॉक्ष कहा जाता है। इस तरह मां दुर्गा 9 दिनों तक यहीं रहकर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। षष्‍ठी के दिन पंडालों में मां दुर्गा के साथ मां सरस्‍वती, माता लक्ष्‍मी, भगवान कार्तिकेय की मूर्तियां भी बनाई जाती है।

Navratri 2022: महिलाएं परिवार की खुशहाली के लिए करतीं हैं व्रत

ऐसी मान्‍यता है कि षष्‍ठी के दिन महिलाएं अपनी संतान और परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। सप्‍तमी के दिन देवी पंडालों में बहुत भक्तिनुमा वातावरण रहता है। लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा में मां के दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं।इस दिन मां दुर्गा को उनका पसंदीदा भोग जैसे खिचड़ी, पापड़, सब्‍जियां, बैंगन का भर्ता और रशोगुल्ला अर्पित करते हैं।

Navratri 2022: रंगारंग कार्यक्रमों का होता है आगाज

बंगाली समुदाय के लोगों के बीच दुर्गा पूजा को अकालबोधन, शदियो पूजो, शरदोत्‍सब, महा पूजो, मायेर पूजो, पूजा या फिर पूजो भी कहा जाता है। दुर्गा उत्‍सव के दौरान भव्‍य पंडाल बनाकर उनमें इस दौरान मां की आराधना के अलावा अनेक रंगारंग और सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

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