Gandhi Jayanti Speech 2022 in Hindi: 2 अक्टूबर पर ऐसे करें भाषण की शुरुआत, पढ़ें ये आसान स्पीच

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Gandhi Jayanti Speech 2022 in Hindi
Gandhi Jayanti Speech 2022 in Hindi

Gandhi Jayanti Speech 2022 in Hindi: गांधी जयंती हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे दिन राष्ट्रपिता गांधी जी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस बार महात्मा गांधी की 153वीं जयंती 2 अक्टूबर 2022, रविवार को पड़ रही है। वैसे तो यह दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन जश्न मनाने के साथ- साथ महान स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त नेता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों- विद्यालयों में निबंध प्रतियोगिताए, देशभक्ति कार्यक्रम और प्रार्थना समारोह का आयोजन किया जाता है।

गांधीजी के अहिंसा सिद्धांतों और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। आज हम आपको गांधी जयंती के अवसर पर कुछ बेहतरीन भाषण के बारे में बताएंगे जिसे आप स्कूल कार्यक्रम और भाषण प्रतियोगिता में सुना सकते हैं।

Gandhi Jayanti Speech 2022 in Hindi
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Gandhi Jayanti Speech 2022 in Hindi: छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों के लिए हिंदी में भाषण

प्रिय शिक्षकों/छात्रों/मित्रों,

हम सभी जानते हैं कि आज 2 अक्टूबर 2022 है। यह दिन हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह दिन है जब हमारे प्रिय महात्मा गांधी जी का जन्म हुआ था। गांधी जयंती के इस अवसर पर, हम भारत को स्वतंत्र करवाने में बापू द्वारा दिए गए योगदान पर बात करेंगे, आज हम राष्ट्रपिता द्वारा निभाई गई कुछ महत्वपूर्ण कार्यों पर नजर डालेंगे।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था। उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वैसे तो उनका असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। लेकिन ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़कर और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख योगदान देने के बाद महात्मा गांधी को लोग, बापू, राष्ट्रपिता और गांधीजी जैसे कई नामों से जानते हैं।

गांधीजी ने भारत में कानून की पढ़ाई की थी और लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल की थी। हालांकि, वह एक सफल वकील नहीं बन पाए। भले ही वह एक सफल वकील नहीं बन पाए लेकिन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बन गए, जिनका नाम हमारे दिलों में हमेशा के लिए बस गया है।

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, गांधीजी ने विरोध की भावना से दूर हटकर सरल और अहिंसा आधारित नियमों का पालन किया और दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई स्वतंत्रता आंदोलन शुरू किए। ये आंदोलन कभी भी हिंसा में नहीं बदला, शांतीपूर्ण तरीके से गांधी जी ने आंदोन की शुरूआत की। जिसमें उन्हें सफलता भी हासिल हुई। गांधीजी के स्वतंत्रता संग्राम के पीछे केवल एक ही मकसद था और वह था हमारे देश को अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्त करना। भारत की आजादी में अपना खून-पसीना लगाकर गांधीजी 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराने में सफल हुए और इसीलिए भारत हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है।

गांधीजी ने सादा जीवन व्यतीत किया और जीवन भर लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की निर्दयता से हत्या कर दी थी। लेकिन गांधीजी आज भी हमारे दिल में मौजूद हैं। अपनो भाषण को खत्म करते हुए मैं कहना चाहूंगा कि महात्मा गांधी जी ने हमारे देश के लिए जो भी किया है उसका सम्मान करेंगे और उनके बताए गए कर्मों का पालन करेंगे।

धन्यवाद,
हैप्पी गांधी जयंती।
जय हिन्द।

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