Navratri 2022: मां सिद्धिदात्री की पूजा कर मांगा उन्‍नति और कल्‍याण का मार्ग, कई जगहों पर भंडारे का आयोजन

Navratri 2022: दिल्‍ली-एनसीआर स्थित अधिकतर मंदिरों में मंगलवार सुबह से ही भक्‍तों का तांता लगा रहा।सभी ने देवी के स्‍वरूप की पूजा की।

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Navratri 2022: maa Sidhidatri ji ki puja
Navratri 2022:

Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि के नौंवे दिन देवी के सिद्धिदात्री रूप की पूजा मंदिरों में हुई।मंगलवार को नवमी के मौके पर सुबह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना गया है। मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है।मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं।इस दौरान रोहिणी, पीतमपुरा, शालीमारबाग, मंगोलपुरी, जनकपुरी, आरके.पुरम और दक्षिण दिल्‍ली में कई जगहों पर भंडारे एवं कीर्तन का आयोजन किया गया।
दिल्‍ली-एनसीआर स्थित अधिकतर मंदिरों में मंगलवार सुबह से ही भक्‍तों का तांता लगा रहा।सभी ने देवी के स्‍वरूप की पूजा की। कालका जी, झंडेवालान, श्रीमाता वैष्‍णो देवी मंदिर, गुफा वाला मंदिर, कालीबाड़ी समेत कई मंदिरों में भक्‍तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।

Navratri 2022: jai ho maa Sidhidhatri
Navratri 2022.

Navratri 2022: जानिए मां सिद्धिदात्री का प्रिय भोग

मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को नवमी पर इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।

Navratri 2022: मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र

Navratri 2022: Maa Sidhidhatri ji ki puja in hindi.
Navratri 2022.

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

Navratri 2022: मां सिद्धिदात्री जी की आरती

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

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