Janmastami 2022: पवित्र और पावन ब्रज भूमि और कान्हा की नगरी मथुरा आज सबसे बड़े उल्लास के लिए तैयार है। कन्हैया, नंदलाला और रणछोड़दास के जन्मदिवस के मौके पर मथुरा पूरी तरह से तैयार है। पूरे नगर को फूलों और गुब्बारों से बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया है। वहीं बड़ी तादाद में भक्तों का पहुंचना भी शुरू हो गया है।इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त यानी शुक्रवार को उच्च राशि के चंद्रमा में मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी की पूजा खासकर मथुरा, वृंदावन और द्वारिका में बड़े ही भव्य तरीके और विधि-विधान से की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है। वहीं दिल्ली-एनसीआर समेत कई जगहों पर ठाकुर की झांकियां सज चुकी हैं, मंदिर लेजर लाइट की रोशनी से सराबोर हैं। कहीं मोरपंख, कहीं फूल तो कहीं बांसुरी के मधुर संगीत पर श्रीकृष्ण के भजन श्रद्धालुओं के अंदर एक अलग ऊर्जा का प्रसार कर रहे हैं।
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Janmastami 2022: रंगीन झालरों से सजाया ठाकुर जी का जन्मस्थान
श्रीकृष्ण जन्मस्थान को रंगीन झालरों की मदद से बड़े ही सुंदर ढंग से सजाया गया है। रात में इसकी भव्यता देखते ही बनेगी। इसके अलावा प्रेम मंदिर, श्री प्रियाकांत जू मंदिर, हनुमान मंदिर नौझील, वृंदावन का अक्षय पात्र मंदिर और जन्मस्थान के भागवत भवन में स्पेशल लाइटिंग की छटा ही अलग है।
Janmastami 2022: ब्रज का हर मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर शहरभर के मंदिरों में विशेष साज-सज्जा पूरी हो चुकी है। रंग-बिरंगी रोशनी से मंदिर जगमगा उठे। ब्रज में कान्हा के जन्मोत्सव का साक्षी बनने के लिए लाखों कृष्ण भक्त मथुरा आते हैं। कृष्ण भक्तों को इस दिन का खास इंतजार रहता है। आज ब्रज का हर कण-कण बोलेगा हाथी, घोड़ा, पालकी, जयकन्हैया लाल की।
Janmastami 2022: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत ही है व्रतराज
मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत ही व्रतराज यानी सभी व्रतों का राजा है। इस दिन व्रत रखने वालों को पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस दिन दिनभर श्रीकृष्ण का स्मरण करना अत्यंत फलदाई होता है। भविष्य पुराण में इस व्रत के संदर्भ में उल्लेख है कि जिस घर में यह देवकी-व्रत किया जाता है वहां अकाल मृत्यु, गर्भपात, वैधव्य, दुर्भाग्य तथा कलह नहीं होती। जो एक बार भी इस व्रत को करता है, संसार के सभी सुखों को भोगकर विष्णुलोक में निवास करता है।
Janmastami 2022: भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव
इस बार यह भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव होगा। यानी ब्रज के लाडले नंदलाल कहें या बालगोपाल इस बार 5248 वर्ष के पूरे हो रहे हैं। भगवान कृष्ण के 5249वें वर्ष में प्रवेश करने पर जन्मोत्सव की तैयारियां बड़ी ही शानदार हो रही हैं।
दिल्ली के बिड़ला मंदिर में पालना हुआ तैयार
नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की….. इसी भजन के साथ ही दिल्ली के मशहूर बिड़ला मंदिर में कान्हा का सुंदर पालना लग चुका है। गोटेदार लडि़यों और फूलों की सेज पर भगवान को विराजमान कर भक्त झूला झूलाएंगे। भक्तों के दर्शन को बड़ी एलईडी स्क्रीन और अन्य इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
इस्कॉन में हरे-रामा, हरे कृष्णा नाम के बीच भक्त नाचेंगे
दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश, रोहिणी, पंजाबी बाग, नोएडा समेत कई जगहों पर भक्त हरि नाम के बीच नाचेंगे। प्रभु की झांकियों के सुदंर दर्शन करेंगे। कई जगहों पर बच्चे श्रीकृष्ण और गोपी, कंस तो कोई राधारानी बन सभी का मन मोहेंगे।
56 भोग की व्यवस्था
दिल्ली, यूपी, मुंबई, उत्तराखंड, द्वारका, जगन्नाथ जी पुरी, खाटू श्याम जी समेत कई जगहों पर कन्हैया के 56 भोग और भक्तों के लिए विशेष प्रसाद की व्यवस्था भी पूरी कर ली गई है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के केंद्र मथुरा में देसी और विदेशी भक्तों के पहुंचने पर विशेषतौर से प्रसाद एवं जलपान के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
यहां जानिये जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी तिथि- 18 अगस्त और 19 अगस्त 2022
अष्टमी तिथि आरंभ- गुरुवार 18 अगस्त रात्रि 09: 21 से
अष्टमी तिथि समाप्त- शुक्रवार 19 अगस्त रात्रि 10:59 तक
अभिजीत मुहूर्त- 12:05 -12:56 तक
वृंदावन पहुंच रहे सीएम योगी
उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद द्वारा वृंदावन के जयपुर मंदिर के समीप नवनिर्मित अन्नपूर्णा भोजनालय का लोकार्पण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। 19 अगस्त को आयोजित होने वाले इस समारोह के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं समारोह में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बाल कृष्ण के अलावा साध्वी ऋतंभरा, राम कथा प्रवक्ता संत विजय कौशल महाराज के साथ प्रदेश के कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल होंगे।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने हाथ से भोजनालय में मौजूद संतों और श्रद्धालुओं को भोजन परोसकर इसकी शुरुआत करेंगे। अन्नपूर्णा भोजनालय के संचालन की जिम्मेदारी मंगलमय न्यास को दी गई है।
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