Gupta Navratri : माघ माह शुक्ल पक्ष के साथ ही गुप्त नवरात्र भी आरंभ हो गए हैं। इस बार ये 2 फरवरी से शुरू हुए गुप्त नवरात्र की आज यानी गुरुवार को द्वितीया तिथि है। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन के रहेंगे। हालांकि द्वितीया तिथि का क्षय रहेगा और अष्टमी तिथि दो दिन रहेगी। गुप्त नवरात्र (Gupta Navratri) देवी को प्रसन्न करने, उनकी सिद्धियां प्राप्त करने के साथ ही मंत्रों को सिद्ध करने का विशेष रूप से महत्व रखते हैं। इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्र 2 फरवरी से प्रारंभ होकर 10 फरवरी तक चलेंगे। देवी आदि शक्ति से सिद्धि्, बल और असीम कृपा प्राप्ति के लिए लोग पूरे विधि विधान के साथ पूजा करते हैं।

Gupta Navratri : पूरे वर्ष में चार बार आते हैं देवी के नवरात्र
Gupta Navratri : पूरे वर्ष में चार बार देवी के नवरात्र आते हैं। हालांकि इसमें चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक दो प्रकट नवरात्र होते हें और और माघ व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक दो गुप्त नवरात्र माने जाते हैं। ये चारों नवरात्रियां चार युगों की प्रतीक हैं।
इन नौ दिनों में मां दुर्गा के भक्त माता को प्रसन्न करने और अपने जीवन में उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा और उपवास रखते हैं। गुप्त नवरात्र भी प्रकट नवरात्र की तरह ही सिद्धिदायक होने के साथ अधिक प्रबल माने जाते हैं। गुप्त नवरात्र सिद्ध शक्तियां प्राप्त करने के लिए तांत्रिकों और पुजारियों के लिए सबसे सिद्ध दिन माने गए हैं।
Gupta Navratri: देवी के 9 स्वरूपों की होती है पूजा
Gupta Navratri : गुप्त नवरात्र में खासतौर से देवी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नवरात्र की प्रमुख देवी सर्वेश्वरकारिणी देवी हैं। जानकारी के अनुसार जो भी व्यक्ति जो मांस, मदिरा का सेवन करता हो, पूजा से दूर रहता हो, लोभी, कामी और व्यसनी हो, वो भी अगर देवी की उपासना करे, तो उसे भी मां की असीम अनुकंपा मिलती है। इसके साथ ही मां दुर्गा के 9 रूपों की हर दिन अलग-अलग पूजा होती है।
देवी की दस महाविद्याओं जिनके नाम हैं काली, तारा (देवी), छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुरभैरवी (त्रिपुर सुंदरी), धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला. इनकी हर दिन पूजा की जाती है। देवी की ये दस महाविद्याएं अत्यंत प्रभावशाली हैं।
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