Ganesh Jayanti : प्रथम पूज्य देवता भगवान श्रीगणेश जी की आज जयंती है। माघ मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ रही श्रीगणेश जयंती कई मायनों में बेहद खास है। ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन मां पार्वती ने विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी की उबटन निर्मित प्रतिमा बनाकर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की थी।
इसीलिए आज के दिन को तिलकंड चतुर्थी, माघ चतुर्थी, वरद चतुर्थी और माघ विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लोगों को सद्बुद्धि और सुख शांति का वरदान प्राप्त होता है ।

महाराष्ट्र और कोंकण में लोकप्रिय
गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) वैसे तो पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है लेकिन महाराष्ट्र और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में यह काफी लोकप्रिय है। भारत के अन्य क्षेत्रों में भाद्रपद माह में आने वाली चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, मध्याह्न व्यापिनी पूर्वविद्धा चतुर्थी को भी गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है।
आज बन रहे दो शुभ संयोग
Ganesh Jayanti : इस वर्ष गणेश जयंती के मौके पर दो शुभ योग बन रहे हैं। चतुर्थी तिथि पर 04 फरवरी को सुबह 07 बजकर 08 मिनट से दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक रवि योग रहेगा। इसके बाद शाम को 07 बजकर 10 मिनट तक शिव योग रहेगा।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि रवि योग में पूजा और किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना मिलता है। गणेश जयंती पर गणेश भगवान की पूजा दोपहर के समय की जाती है। इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ होता है। कहा जाता है कि गणेश जयंती पर चंद्रमा का दर्शन करने से झूठा कलंक लगता है। ऐसे में इस बार बने शिव और रवि दोनों ही योग पूजा और कोई भी मंगल कार्य करने के लिए शुभ है।
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