Badrinath-Kedarnath के खास दर्शन के लिए 300 रुपये देने होंगे। इसकी घोषणा श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने की है। साथ ही साथ केदारनाथ में 100 किलोग्राम के त्रिशूल की भी स्थापना की जाएगी और प्रोटोकॉल की व्यवस्था भी मंदिर समिति के कर्मचारी ही देखेंगे।

Badrinath-Kedaranth: क्या है बद्रीनाथ-केदारनाथ का बजट?
Badrinath–Kedarnath: मंदिर समिति ने बीते दिनों ही देश के 4 मुख्य मंदिरों की पूजा और दर्शन की व्यवस्था को देखने के लिए 4 टीमें भेजी थीं। तिरुपति बालाजी, श्री वैष्णों देवी, श्री महाकालेश्वर और श्री सोमनाथ मंदिर में जाकर उनकी व्यवस्था और पूजा देखी गई थी। टीम की रिपोर्ट के मुताबिक बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले सभी तरह के वीआईपी दर्शनों से लेकर प्रसाद के लिए 300 रुपये प्रत्येक व्यक्ति का शुल्क निर्धारित कर दिया है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कैनाल रोड स्थित कार्यालय में अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में अयोजित की गई बैठक में बजट को बोर्ड के सामने रखा गया। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में आगे आने वाले साल 2024 के लिए 76,25,76,618 रुपये का बजट बताया गया है। साथ ही साथ बोर्ड बैठक में आगे के काम को लेकर भी जो विस्तार से योजना बनाई गई थी उसके लिए भी हामी भर दी है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट पेश करते हुए कहा कि बद्रीनाथ के लिए 39,90,57,492 करोड़ और केदारनाथ के लिए 36,35,19,126 करोड़ का प्रस्ताव है।

Badrinath-Kedarnath: कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध होंगी?
Badrinath–Kedarnath: केदारनाथ में 100 किलोग्राम के अष्टधातु त्रिशूल की स्थापना की जाएगी। साथ ही साथ मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ के मंडप में भी सुधार किया जाएगा। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी ही मंदिरों में प्रोटोकॉल के हिसाब से अब वीआईपी को दर्शन कराने और प्रसाद देने का काम देखेंगे। पहले ये काम पुलिस प्रशासन अपने तरीके से देखती थी।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए अब उन्हें ईपीएफ की सुविधा भी प्रदान की जाएगी और आईटी संबंधी कार्यों में भी मजबूती लाई जाएगी।बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने गुप्तकाशी में बंद पड़ी आयुर्वेदिक फार्मेसी को दोबारा शुरू कर अलग-अलग उत्पाद तैयार करने का निर्णय लिया है। इससे बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा चलाये जाने वाले आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों को काफी मदद मिलेगी।
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