Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल की सशर्त जमानत याचिका को हटाने से इंकार किया था। ये आदेश गुजरात हाई कोर्ट की ओर से हार्दिक पटेल को दी गई सशर्त जमानत के मामले में दिया था। आदेश में उनकी जमानत की शर्त हटाने से इनकार कर दिया था।
हाई कोर्ट के द्वारा दी गई जमानत की शर्त के मुताबिक हार्दिक को गुजरात से बाहर जाने से पहले अदालत की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
दरअसल 2015 के विसनगर दंगे मामले में 2 साल की सजा पाने वाले हार्दिक फिलहाल जमानत पर हैं लेकिन गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी जमानत पर शर्त लगा रखी है। जिसे वह हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा याचिका में दंगे में दोषी होने के चलते चुनाव लड़ने के अयोग्य भी हैं। वह कोर्ट से दंगा मामले में अपना दोष स्थगित कराना चाहते हैं, ताकि वे चुनाव लड़ सकें। इससे पहले हार्दिक ने जमानत की शर्त को हटाने की मांग कर करते हुए गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
Supreme Court: कोर्ट ने हार्दिक को दो साल की सुनाई थी सजा
साल 2015 के विसनगर दंगामामले में कोर्ट ने हार्दिक को 2 साल की सजा सुनाई थी। फिलहाल हार्दिक जमानत पर बाहर हैं, हालांकि हार्दिक जमानत पर जरूर बाहर हैं, लेकिन दोषी होने के चलते वो चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। यही कारण कि हार्दिक अपनी सजा स्थगित कराना चाहते हैं, ताकि वो चुनाव लड़ सकें। केस में कोर्ट ने हार्दिक पटेल, लालजी पटेल और एके पटेल को दो-दो साल की सजा सुनाई थी और 14 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। दंगा 23 जुलाई 2015 को पाटीदार आरक्षण आंदोलन के वक्त हुआ था।
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