इंदौर का Doggy Dhaba, जहां आपका टॉमी भी कर सकेगा एंजॉय, Pets के लिए बेहद खास है ये रेस्‍टोरेंट

Doggy Dhaba:

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Doggy Dhaba top news of Indore
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Doggy Dhaba: अक्‍सर ऐसा देखने में आया है कि पार्टी, फंक्‍शन आदि में आप अपने पालतू पेट्स को चाहकर भी नहीं ले जा सकते, लेकिन अब आपकी इस टेंशन का हल आ गया है।जी हां, इंदौर में एक डॉग लवर कपल ने एक अनोखा रेस्‍टोरेंट खोला है, जहां केवल पेट्स को ले जाया जा सकेगा। डॉगी ढाबा नामक इस रेस्‍टोरेंट में कुत्‍ते बर्थडे पार्टी से लेकर एक्‍सरसाइज और फुल मस्‍ती कर सकेंगे।
इंदौर में डॉग लवर कपल की ओर से खोले गए अनोखे डॉगी ढाबे में कुत्‍तों को ठहराने और जन्मदिन की पार्टी करने का भी ऑप्शन है। इसमें कस्टमाइज्ड केक, बोर्डिंग सर्विस और बहुत कुछ सुविधाएं दी जाती हैं।

दूसरे सभी रेस्तरां की तरह, यह ढाबा भी होम फूड डिलीवरी करता है।ढाबे में बेसिक मील से लेकर वेज और नॉन-वेज स्पेशियलिटी व सप्लीमेंट्स और जानकारी के अनुसार यहां रेगुलर डॉग फूड 7 से 500 रुपये प्रति दिन की रेंज में उपलब्ध है।

Doggy Dhaba News
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Doggy Dhaba: पेट-फ्रेंडली रेस्तरां

Doggy Dhaba: एक समय ऐसा था जब रेस्‍टोरेंट में पालतू पशुओं की एंट्री की अनुमति नहीं मिलती थी, लेकिन डॉग लवर्स के लिए इस रेस्‍टारेंट ने एक नया रास्ता खोल दिया है, ताकि पेटस के साथ खाने-पीने के अच्छे अनुभव लिए जा सकें। हर शहर में पेट-फ्रेंडली रेस्तरां और कैफे का चलन बढ़ रहा है।

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Doggy Dhaba: ठहरने और जन्मदिन की पार्टियों का ऑप्शन

Doggy Dhaba: कुत्तों को खाना परोसा जाता है।एएनआई के अनुसार यहां ठहरने और जन्मदिन की पार्टियों का ऑप्शन भी है। इसमें कस्टमाइज्ड केक, बोर्डिंग सर्विस और बहुत कुछ शामिल है। दूसरे सभी रेस्तरां की तरह, यह ढाबा भी होम फूड डिलीवरी करता है।ढाबे के मालिक बलराज झाला ने कहा ”मेरा बिजनेस भी ऑनलाइन चलता है। डॉग फूड डिलीवरी बॉय भी है, जो दोनों वक्त खाना सप्लाई करते हैं।
बलराज झाला एक डॉग लवर हैं और अपनी पत्नी के साथ मिलकर ये अनोखा ढाबा चलाते हैं। लॉकडाउन की अवधि के दौरान, उन्‍होंने देखा कि कैसे कुत्ते अच्छा खाना खोजने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनके लिए एक विशेष रेस्तरां खोलने का विचार आया।

उन्‍होंने बताया, “मैं शुरू से ही डॉग लवर रहा हूं। मैं साल 2019 तक एक होटल में काम करता था। जहां से रात को घर लौटते समय कुत्तों को खाना खिलाता था। लॉकडाउन के दौरान ही मेरे मन में इन बेजुबान पेटस के लिए कुछ करने की ललक उठी और डॉगी ढाबे खोलने के सपने को साकार कर दिया।

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