जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव एक बार फिर अपने बयान के कारण चर्चा का विषय बने हुए हैं। शरद यादव ने कहा कि, “बेटी की इज्ज़त से वोट की इज्ज़त बड़ी है“ लोगों को बैलट पेपर के बारे में समझाने की जरूरत है। बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है। बेटी की इज्ज़त जाएगी तो गांव और मोहल्ले की इज्ज़त जाएगी, अगर वोट बिक गया तो देश की इज्ज़त जाएगी।’ यादव ने यह बयान लोगों के बीच दिया। इस पर विवाद होने के बाद सफाई में कहा, “वोट और बेटी के लिए मोहब्बत एक सी होनी चाहिए।”
शरद यादव पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं, उनके कुछ विवादित बयान…
- राज्यसभा में बीमा विधेयक की चर्चा की दौरान “दक्षिण भारतीय महिलाएं सांवली तो होती हैं, लेकिन उनका शरीर खूबसूरत होता है” कहा था।
- दक्षिण भारतीय की महिलओं के खिलाफ बयानबाजी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कड़ी आपत्ति जताई थी तब शरद यादव ने उन पर टिप्पणी की थी “मैं जानता हूं कि आप क्या हैं।”
- निर्भया हत्याकाण्ड पर संसद में कहा “भारतीय गोरी चमड़ी पर किस तरह लट्टू होते हैं, यह फिल्म निर्माता ब्रिटिश लेस्ली उडविन को देखकर पता चलता है, जिन्होंने निर्भया पर डॉक्युमेंट्री बनाई है।”
- महिला आरक्षण विधेयक पहली बार संसद में रखे जाने पर कहा “क्या इस विधेयक के जरिए आप परकटी महिलाओं को सदन में लाना चाहते हैं?”
- शरद यादव ने कावड़ियों को लेकर भी विवादित बयान दिये थे, शरद ने कहा था कि “कांवड़ियों के पास कोई काम-धंधा नहीं है इसलिए वे हरिद्वार जाते हैं।”
- “पद्म सम्मान केवल मक्कार, बेईमान और बड़े लोगों को ही दिए जाते हैं।”
शरद यादव के इस विवादित बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आंखे टेढ़ी की है। आयोग ने शरद के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए नोटिस भेजा है। वहीं शरद ने कहा कि नोटिस मिलेगा तो देखेंगे।