हम भले ही दिन ब दिन आधुनिक होते जा रहे हैं, पर आज भी हर सुबह जब अखबार सामने होता है तो समाज में फैली अशांति की खबरें तरह तरह का भेष धरे हमारे सामने होती है और मन दुखी होता है। लेकिन इन सबके बीच ही, कभी कभी कुछ खबरों को देख लगता है कि एक गुंजाइश बची है बेहतरी की । अभी चंद दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसे काफी सराहा जा रहा था। इस खबर में तीन छोटे छोटे बच्चे देश में शांति सुरक्षा और सद्भावना का माहौल हो इसके लिए अपनी शक्ति भर जी तोड़ प्रयास कर रहे थे।
वंशिका, उत्कर्ष और विंध्या …..ये बच्चे सामान्य बच्चे नहीं हैं। ये देश के लिए कुछ करने का जज्बा लिए हुए हैं। ये देश के वीर जवानों के लिए उनकी फैमिली के लिए एक उद्देशय के नाम से फंड इकट्ठा कर रहे हैं। जो फंड नहीं दे पा रहे उनके संदेश ही इन बच्चों के लिए अमूल्य निधि हैं। इन बच्चों की ऐसी कोशिशें भारत की मीडिया की पैनी नजरों से नहीं बची। इनकी ख्याति देश की सीमाओं से परे जा कर दक्षिण कोरिया पहुंची। गौरतलब है कि विश्व शांति की ऐसी ही कोशिशें दक्षिण कोरिया से भी जारी हैं, जहाँ HWPL नाम की संस्था जो कि यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करती है “शांति” की ज़रूरत और सन्देश दुनिया भर में फैला रही है, सबको एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। ये संस्था शाँति की दिशा में कितना बड़ा योगदान दे रही है इसका पता इससे ही चलता है की। साल 2017 सितम्बर में दक्षिण कोरिया में “HWPL” ने ग्लोबल पीस फेस्टिवल का आयोजन किया जिसमें 30 देशों से लगभग 2 लाख़ लोग शामिल हुए और इस शांति मिशन के पीछे जो चेहरा है वो है श्री मैन ही ली (Mr. Man Hee Lee) का ।
दक्षिण कोरिया की यह संस्था HWPL यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करती है। और दुनिया भर में शांति और सद्भाव की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर पैनी निगाह रखती है। इस संस्था ने इन बच्चों के हौसलों को सलाम किया और इन्हें अपनी संस्था की ओर से शांति दूत घोषित किया। इन सब के बीच सुकून की बात यही है कि शांति की ऐसी कोशिशें भी जारी हैं और आगे भी जारी रहेंगी।