Plant worship rules: हिन्दू धर्म एक ऐसा धर्म है जहां पेड़-पौधों की भी पूजा की जाती है। हमारे आस-पास कई पेड़ ऐसे होते है जिनकी पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिनमें देवी-देवताओं का वास होता है, जैसे तुलसी ,पीपल इत्यादि। लेकिन क्या आपको पता है इनकी पूजा करने के भी कुछ नियम-कानून हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है, नहीं तो इसके दुष्परिणाम से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे है कि रविवार के दिए किन पेड़-पौधों (religious plants puja rules) की पूजा नहीं करनी चाहिए।
Plant worship rules: रविवार के दिन भूलकर भी न करें इन पौधों की पूजा
तुलसी का पौधा हर घर के आंगन में लगाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी में देवी लक्ष्मी विराजमान होती हैं। मान्यताओं के अनुसार रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही उस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार तुलसी का पौधा लगाने से घरों में धन की प्राप्ति होती है।
पौराणिक ग्रंथो के लोगों का मानना है तुलसी की पूजा करने से परिवार में सुख और शांति आती है। लेकिन वहीं अगर हम आयुर्वेद के महत्व से तुलसी को देखे तो यह एक जानी-मानी औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है, सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है।
दूसरे नंबर पर बात आती है शमी के पौधे की। आपको बता दें कि शमी के पौधे में शनिदेव विराजमान होते हैं। इसलिए शमी की पूजा शनिवार के दिन की जाती है। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन शमी के पेड़ की पूजा न करें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजमान होते हैं। लेकिन भूलकर भी आप रविवार के इसकी पूजा न करें, क्योंकि इस दिन पीपल में दरिद्रता का वास होता है। जिसके चलते घर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि आज भी कई लोग ऐसे है जो रविवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे भी लोग जाने से परहेज करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि रविवार के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन निषेध है।
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