Kuttu Ka Atta: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की पूजा होती है। साथ ही साथ लोग पूरे नौ दिन तक व्रत भी रखते हैं। व्रत के समय केवल फलाहार खाने का नियम होता है जिसमें कुट्टू का आटा भी खाया जाता है। व्रत में कुट्टू के आटे का सेवन करने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच करना बहुत जरूरी है। जिससे सेहत को कोई भी नुक्सान न पंहुचे। बहुत बार कुट्टू के आटे में मिलावट की वजह से लोगों को फूड पॉइजनिंग भी हो जाती है।
Kuttu Ka Atta: कैसे परखें कौन सा है सही कुट्टू का आटा ?
Kuttu Ka Atta: कुट्टू के आटे को अंग्रेजी में बकवीट कहते हैं। वही दूसरी ओर पंजाब में इसे ओखला कहते हैं। बहुत बार खराब कुट्टू खाने की वजह से स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। कुट्टू का आटा खरीदते समय ध्यान रखें कि आटा ज्यादा पुराना न हो।
आटे को छूकर देखें,अगर वे खुरदुरा है तो इसका मतलब है कि आटा खराब होने वाला है। जब कुट्टू का आटा खराब होने लगता है तब उसमें काले-काले दाने नजर आने लगते हैं, जो एक तरह से फंगस होता है। कुट्टू के आटे में बहुत बार सफेद कीड़े होते हैं जो देखने से नजर नहीं आते, इस वजह से बंद पैकेट वाला आटा खरीदना ज्यादा सही रहता है।
Kuttu Ka Atta: कुट्टू का आटा खाने का सबसे सही तरीका कौन सा है?
Kuttu Ka Atta: अगर आपको कुट्टू खाना पसंद है तो कुट्टू लाकर उसे धोकर,सुखाकर,पहले उसे छान लें और फिर मिक्सी में पीस लें। इससे आप बिल्कुल शुद्ध कुट्टू का आटा खा पाएंगे और अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करने से भी बचेंगे।
जैसे ही कुट्टू का आटा हवा के संपर्क में आता है उसमें जहरीले पदार्थों की मात्रा 20 गुना बढ़ जाती है। इसलिए खुला हुआ आटा खरीदना नुकसानदायक होता है और पैकेट वाला आटा खरीदना सेफ होता है।
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