आम तौर पर वजन बढ़ने और वसा को कोलेस्ट्रॉल से जोड़ा जाता है, लेकिन पतले माने जाने वाले व्यक्ति में भी कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हो सकता है। ये बातें सेलिब्रिटी पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर ने अपने वीडियो में कहा। उन्होंने कहा, कोलेस्ट्रॉल को वसा से भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। रुजुता ने कहा कि कोलेस्ट्रॉल को तकनीकी रूप से लिपोप्रोटीन के रूप में जाना जाता है और यह वसा और प्रोटीन से बना होता है। उन्होंने कहा, कोलेस्ट्रॉल को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसे बोलचाल की भाषा में अच्छे, बुरे और बहुत खराब कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है।
HDL है अच्छा प्रोटीन
उन्होंने कहा कि हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) अच्छा कोलेस्ट्रॉल है, क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक और वसा कम होती है, जिससे हृदय की रक्षा होती है। वहीं कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन में एचडीएल की तुलना में अधिक वसा होता है। यही कारण है कि इसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, लेकिन यह उतना बुरा नहीं है। इसमें आपके हार्मोन बनाने, विटामिन डी को संश्लेषित करने, एंटीऑक्सीडेंट गुण होने और ऊर्जा बनाने में मदद करने जैसी कई भूमिकाएं भी शामिल है। फिर कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (VLDL) को खराब कोलेस्ट्रॉल के रूप में माना जाने लगा, इसमें प्रोटीन का स्तर कम होता है। वहीं ट्राइग्लिसराइड्स को लेकर माना जाता है कि इसका स्तर जितना कम होगा, उतना अच्छा है।
खाने में इन आहारों को करें शामिल
जो लोग प्रतिकूल कोलेस्ट्रॉल के स्तर से जूझ रहे हैं, उनके लिए विशेषज्ञ ने कहा कि एचडीएल में सुधार और ट्राइग्लिसराइड और वीएलडीएल को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। स्वाभाविक रूप से वसायुक्त भोजन जैसे अंडे, दूध और मांस चिंता का कारण नहीं हैं। अगर आप एक अंडा खा रहे हैं, तो इसे पूरा खाएं। अगर आप मांस खाने वाले हैं, तो आप इसे सप्ताह में तीन बार खा सकते हैं, हर दिन नहीं। उन्होंने कहा कि किसी को मूंगफली, काजू और नारियल से परहेज करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें शराब के साथ इसे नहीं खाना चाहिए।
सही तेल का करें चुनाव
खाना पकाने के तेलों को लेकर उन्होंने कहा कि आप जिस क्षेत्र में रहते हैं, उसके आधार पर तेल का उपयोग करें। व्यायाम, धूम्रपान, शराब, आनुवंशिक कारक, उम्र और लिंग सभी आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को निर्धारित करने में भूमिका निभाते हैं। रुजुता दिवेकर ने कहा कि पैकेज्ड फूड से परहेज करें, इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर करने में काफी मदद मिल सकता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर विशेष जोर देने के साथ सप्ताह में कम से कम तीन घंटे व्यायाम करें। तनाव और नींद की कमी भी दिल और लीवर की समस्याओं का कारण बनते हैं। रुजुता दिवेकर ने कहा कि बाहर से फिट रहने पर ध्यान देने की बजाए अंदर से फिट रहने पर ध्यान दें।
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लें। APN इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)
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