आधार नंबर को विभिन्न जन कल्याणकारी और अन्य योजनाओं से जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अगले हफ्ते सुनवाई करेगी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि सरकार बैंकिंग समेत 139 सेवाओं को आधार से जोड़ने की समय सीमा को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च करने जा रही है, लेकिन साथ यह भी साफ किया कि यह सिर्फ उन लोगों के लिए होगी जिनके आधार कार्ड नहीं बने हैं। दूसरी तरफ याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील श्याम दीवान ने चीफ जस्टिस से मसले की जल्द सुनवाई की मांग की, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच अगले हफ्ते इस मामेले पर सुनवाई करेगी। बता दें कि याचिकाकर्ता मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ने से रोकने के लिए अंतरिम राहत दिये जाने की मांग कर रहे हैं।
सरकार की ओर से अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि मोबाइल नंबर के अलावा करीब 139 योजनाओं को आधार नंबर से जोड़ने के लिए समय सीमा को 31 मार्च तक बढ़ाने के लिए एक नोटिफिकेशन शुक्रवार को जारी की जाएगी, हालांकि मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से जोड़ने की अंतिम समय सीमा 6 फरवरी ही रहेगी क्योंकि पिछले साल 6 फरवरी को दिए गए फैसले में खुद सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से मोबाइल नंबर ग्राहकों का आधार के जरिये एक साल में पुख्ता कस्टमर वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया था, इसलिए इसमें कोई फेरबदल सिर्फ न्यायिक आदेश से ही हो सकता है।
मोबाइल के अलावा दूसरी योजनाओं से आधार को जोड़ने की समय सीमा को 31 मार्च तक बढ़ाने के मामले पर याचिकार्ता के वकील ने कहा कि यह समय सीमा सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए जिनके आधार कार्ड नहीं बने हैं बल्कि इसे सभी के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने मांग की कि या तो सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अगले हफ्ते अंतरिम राहत के लिए विचार करे या फिर सरकार अंडरटेकिंग दे कि आधार कार्ड को तमाम सेवाओं से ना जोड़ने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। सरकार की ओर से अटॉनी जनरल ने ऐसा करने से इंकार कर दिया और कहा कि सरकार आधार को जोड़ने के पक्ष में बहस करने के लिए तैयार है । इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान बेंच अगले हफ्ते इस मामले पर विचार करेगी।