Supreme Court: बिहार सरकार ने मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा। बिहार सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई को तीन हफ्ते बाद करेगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट से इसी तरह की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया था। कहा था, कि कानून की वैधता का मामला इस अदालत के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए यह उचित होगा कि हाई कोर्ट के समक्ष दाखिल याचिकाओं को भी यहां पर सुनवाई के लिए लंबित याचिकाओं के साथ किया जाए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में बिहार मद्य निषेध एवं आबकारी अधिनियम, 2016 पर सवाल उठाते हुए कानून की वैधता को चुनौती दी गई है।

Supreme Court: राज्य सरकार रूख स्पष्ट करे
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की सदस्यता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान नीतिश सरकार से कई पहलुओं पर रूख स्पष्ट करने को कहा। गौरतलब है कि कोर्ट के सामने शराबबंदी कानून की वैधता को लेकर तीन याचिका विचार के लिए लंबित हैं। ऐसे में हाई कोर्ट में दायर दूसरी रिट याचिकाएं भी यहां हस्तांतरित कर दी जाएं। सर्वोच्च न्यायालय में सभी लंबित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई पर ध्यान दिया जाएगा।
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