मासिक धर्म के दौरान छुट्टियां देने का मामला, Supreme Court ने सुनवाई से किया इंकार

Supreme Court : शैलेंद्र मणि त्रिपाठी नाम के वकील की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि महिलाओं को गर्भावस्था के लिए अवकाश मिलता है, लेकिन मासिक धर्म के लिए नहीं।

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Supreme Court on Periods leave
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Supreme Court: महिलाओं और मासिक धर्म यानी (पीरियड्स) के दौरान होने वाली परेशानियों और छुट्टी देने के मामले की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई।इस मसले पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया।कोर्ट ने कहा है कि यह एक नीतिगत मसला है।इसके लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय को ज्ञापन दिया जाना चाहिए। शैलेंद्र मणि त्रिपाठी नाम के वकील की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि महिलाओं को गर्भावस्था के लिए अवकाश मिलता है, लेकिन मासिक धर्म के लिए नहीं।
उन्‍होंने कहा कि मासिक धर्म महिलाओं के शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा महत्‍वपूर्ण विषय है।बिहार समेत कुछ राज्यों ने महीने में 2 दिन छुट्टी का प्रावधान बनाया है।ऐसे में हर राज्य को ऐसे नियम बनाने का निर्देश दिया जाए या फिर केंद्रीय स्तर पर इसके लिए कानून पारित हो।

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Supreme Court: जानिए किन देशों में है छुट्टी का प्रावधान?

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Supreme Court: याचिका में यूनाइटेड किंगडम, जापान, ताइवान जैसे कई देशों में महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान छुट्टी देने प्रावधान है। इसका जिक्र भी कोर्ट में किया गया।हालांकि, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारडीवाला की बेंच ने सुनवाई की शुरुआत में ही यह कह दिया कि यह एक नीतिगत विषय है, जिस पर सरकार और संसद विचार कर सकती है।

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