Supreme Court में Corona Vaccine के क्लीनिकल डाटा की मांग को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने कहा है कि इस मामले पर जल्द सुनवाई की जानी चाहिए क्योंकि सरकार अभी भी शासनादेश जारी किए जा रही है। जिसकी वजह से लोग अपनी नौकरी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस मामले पर अभी जवाब दाखिल नहीं किया जा सका है। इसलिए इसकी सुनवाई 3 हफ्ते बाद की जाए। सुप्रीम कोर्ट अब 22 नवंबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में वैक्सीन ट्रायल डेटा सार्वजनिक करने और लोगों पर वैक्सीन लगाने के लिए विवश करने से रोकने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है।
भारत अभी वैक्सीन की समस्या से जूझ रहा है: SC
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पिछली सुनवाई में जस्टिस नागेश्वर रॉव ने वैक्सीन लगाने के लिए लोगो को अलग- अलग अथॉरिटी के द्वारा विवश करने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि भारत अभी वैक्सीन की समस्या से जूझ रहा है। इसके अलावा लोगो में वैक्सीन को लेकर शंका और हिचकिचाहट है। फिलहाल हम अभी किसी भी तरह का आदेश नहीं दे सकते। हालांकि कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।