Supreme Court :15 साल से अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की को निकाह की अनुमति देने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने कहा कि हम मामले का परीक्षण करेंगे। इसके साथ पंजाब सरकार को इस बाबत एक नोटिस भी जारी किया गया। कोर्ट ने मामले में सहायता के लिए वकील राजशेखर राव को एमिकस नियुक्त किया।वहीं NCPCR की तरफ से पेश हुए SG तुषार मेहता ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हाईकोर्ट ऐसा आदेश दे सकता है? अब सुप्रीम कोर्ट 7 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
Supreme Court: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
दरअसल NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट का यह फैसला बाल विवाह निषेध अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम का उल्लंघन है, क्योंकि यह आदेश बाल विवाह की अनुमति प्रदान करता है।NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी।जिसमें 16 वर्ष की लड़की को 21 साल के लड़के से निकाह की अनुमति देते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत लड़की की उम्र विवाह योग्य है। इसलिए वह निकाह कर सकती है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह आदेश एक मुस्लिम जोड़े द्वारा मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह किए जाने के बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर प्रोटेक्शन पिटीशन पर दाखिल किया था। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया था।
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