Supreme Court: साल 2018 में कठुआ गैंग रेप मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई।शीर्ष अदालत ने कठुआ गैंगरेप मामले में आरोपी को नाबालिग की तरह मामला चलाए जाने के सीजेएम कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया।कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोपी पर बालिग आरोपियों की तरह मामला चलेगा।जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि किसी आरोपी की उम्र तय करने के लिए अगर कोई पुख्ता सबूत नहीं है तो ऐसी स्थिति में मेडिकल ओपिनियन को ही सही माना जाएगा।
शीर्ष अदालत का यह फैसला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर द्वारा सीजेएम और हाईकोर्ट के पारित आदेशों को चुनौती देने वाली अपील पर आया है। अदालत ने कहा कि आरोपी की उम्र के बारे में चिकित्सा विशेषज्ञ का अनुमान सबूत का वैधानिक विकल्प नहीं है और यह केवल एक राय है।
Supreme Court: बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म का था मामला
Supreme Court: गौरतलब है कि शीर्ष अदालत का यह फैसला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर द्वारा सीजेएम और हाईकोर्ट के पारित आदेशों को चुनौती देने वाली अपील पर आया है।आरोपी को वर्ष 2019 में कठुआ गांव में 8 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जून 2019 में पठानकोट की एक विशेष अदालत ने मामले में 3 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जस्टिस पारदीवाला ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हम सीजेएम कठुआ और हाई कोर्ट के फैसलों को रद्द कर रहे हैं… अपराध के समय आरोपी नाबालिग नहीं था।’
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