12 साल पुराने टेप केस में नीरा राडिया और अन्‍य को बड़ी राहत, Supreme Court ने दी Clean Chit

Supreme Court:मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई कर रही थी।वहीं केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांचों में टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और यूनीटेक जैसे कई बड़े नामों को शामिल किया था।

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Supreme Court on Neera Radia
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Supreme Court: 12 वर्ष पुराने टेप केस में फंसी लॉबिस्ट नीरा राडिया एवं अन्‍य को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी CBI ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है कि टेप हुई बातचीत में कोई भी आपराधिक बात सामने नहीं आई है।जानकारी के अनुसार टेप में शामिल बातचीत को लेकर जांच भी बंद कर दी ।

सीबीआई की तरफ से दी गई जानकारी में सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस केस में CBI ने 14 प्रारंभिक जांच की, लेकिन जांच में कोई अपराध का केस नहीं पाया गया। पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के खिलाफ शुरू की गई जांच में कोई आपराधिकता नहीं पाई गई।इस मामले में CBI ने साल 2015 की सीलबंद कवर रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि साढ़े 5 हजार से ज्यादा की गई बातचीत में कोई आपराधिक मामला नहीं निकला।आज ASG ऐश्वर्या भाटी और याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्राइवेसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से फैसला भी आ चुका है। इस मामले में अब बहुत कुछ नही बचता है।कोर्ट अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेगा।

Supreme Court on Neera Radia.
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Supreme Court: दो अन्‍य याचिकाएं भी की गईं दाखिल

Supreme Court: मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई कर रही थी।वहीं केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांचों में टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और यूनीटेक जैसे कई बड़े नामों को शामिल किया था। इसके बाद कोर्ट में दो अन्‍य याचिकाएं भी दायर की गई थीं। उद्योगपति रतन टाटा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि बातचीत को मीडिया में लीक नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन यानी CPIL की तरफ से दी गई याचिका में ट्रांसक्रिप्ट्स को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।

भाटी ने कोर्ट को बताया, ‘जांच के दौरान कोई भी आपराधिक बात सामने नहीं आई है। जांच के नतीजों से जुड़ी एक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल कर दी गई और संबंधित विभागों को भी भेजी गई है।’ कोर्ट इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई करेगा। माना जा रहा है कि केंद्रीय एजेंसी अगली सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है।

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