Supreme Court: मालेगांव ब्लास्ट में SC का रूख सख्‍त, अभियोजन पक्ष को मामले में तेजी लाने का निर्देश

Supreme Court: लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित का कहना है कि NIA ने उनके खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी नहीं ली है। इसलिए उनके खिलाफ अभियोजन की शुरुआत नहीं की जा सकती है।

0
214
Supreme Court
Supreme Court: Malegaon Blast

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम ब्‍लास्‍ट के मामले की सुनवाई हुई।कोर्ट ने इस मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित पर अभियोजन पक्ष की ओर से मंजूरी में देरी के खिलाफ दाखिल याचिका पर तेजी लाने का निर्देश दिया। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हाईकोर्ट से इस मामले की तेजी से सुनवाई किए जाने का निर्देश दिया।

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित का कहना है कि NIA ने उनके खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी नहीं ली है। इसलिए उनके खिलाफ अभियोजन की शुरुआत नहीं की जा सकती है।

Supreme Court: क्‍या है पूरा मामला ?

मालूम हो कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में एलएमएल फ्रीडम मोटरसाइकिल में लगे विस्फोटक से धमाका हुआ था। जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 100 लोग घायल हो गए थे। मामले की शुरुआत में एटीएस द्वारा जांच की गई थी, हालांकि बाद में एनआईए ने जांच की कमान अपने हाथ में ले ली थी। आरोपियों के खिलाफ आरोपों को काफी हद तक कम कर दिया। इस दौरान पुरोहित और भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर 4 अन्य लोगों के साथ हत्या, खतरनाक हथियारों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने, धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

संबंधित खबरें