Supreme Court: की 5वीं सीनियर जस्टिस इंदिरा बनर्जी सेवानिवृत्त, बोलीं- फिर से खुद को आजाद महसूस कर रहीसुप्रीम कोर्ट की 5वीं सीनियर जस्टिस इंदिरा बनर्जी करीब 4 वर्ष से ज्यादा समय तक अपने पद पर रहने के बाद आखिरकार सेवानिवृत्त हो गईं।इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह फिर से खुद को आजाद महसूस कर रहीं हैं, क्योंकि एक जज का जीवन बलिदान से भरा होता है। उन्हें अपने जीवन में कई चीजों को छोड़ना पड़ता है।
इस बात की भी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में और ज्यादा महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त किया जाएगा।मालूम हो कि जस्टिस बनर्जी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली 8वीं महिला न्यायाधीश थीं। अब उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही, शीर्ष अदालत में महिला न्यायाधीशों की संख्या फिलहाल 3 रह जाएगी। इनमें जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी शामिल हैं। 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आए सुप्रीम कोर्ट में पिछले 72 वर्षों में केवल 11 महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति हो पाई है। पहली महिला न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस एम फातिमा बीवी की नियुक्ति 1989 में हुई थी। SC में नियुक्त अन्य महिला न्यायाधीशों में जस्टिस सुजाता वी मनोहर, जस्टिस रूमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना पी देसाई, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल थीं।
Supreme Court: जस्टिस इंदिरा बनर्जी- कानूनी पेशे में आना महज एक संयोग
जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने यह स्वीकारते हुए कहा कि उनका कानूनी पेशे में आना महज एक संयोगवश था। उन्होंने कहा कि, ‘यदि मेरे पिता जीवित होते तो शायद ही मैं जज बनना स्वीकार करती। वह अक्सर मुझे जज बनने की बात कहते रहते थे, मगर मैं हर बार उन्हें मना कर देती थी।’ जस्टिस बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने पहले दिन को याद करते हुए कहा कि यह उसी दिन की तरह लग रहा है, जब वह 7 अगस्त, 2018 को जस्टिस (रिटायर्ड) दीपक मिश्रा के साथ पीठ साझा कर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि भविष्य में और भी महिलाएं शीर्ष न्यायपालिका में होंगी। आशा है कि कमजोरों को सहयोग मिलेगा और कम से कम समय में समानता और न्याय होगा। आप सभी का धन्यवाद।’
Supreme Court:सुखद भविष्य की कामना की
अपने अंतिम कार्य दिवस यानी बीते शुक्रवार पर जस्टिस बनर्जी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित के साथ रस्मी पीठ साझा की। जस्टिस ललित ने उनके करीब 2 दशक लंबे करियर में न्यायपालिका में उनके योगदान की सराहना की। CJI ने कहा, ‘हम सभी को जस्टिस बनर्जी की कमी खलेगी। 20वर्ष के न्यायिक करियर में उन्होंने सब कुछ दिया है। उनमें हर वह गुण है, जो एक न्यायाधीश में होना चाहिए। पीठ में हमें उनकी कमी बहुत खलेगी और निश्चित तौर पर वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। हम आपके सुखद भविष्य की कामना करते हैं।’
Supreme Court:न्यायाधीशों की संख्या घटकर हुई 29
जस्टिस इंदिरा बनर्जी के सेवानिवृत्त होने के आद अब सुप्रीम कोर्ट में सेवारत न्यायाधीशों की संख्या घटकर 29 हो गई है, जबकि सीजेआई सहित न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है।अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता,एससीबीए अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने जस्टिस इंदिरा बनर्जी को उनके कार्यालय में अंतिम दिन भावभीनी विदाई दी। वेणुगोपाल ने कहा, ‘पीठ में हमारे पास बहुत कम महिला न्यायाधीश हैं और यह बहुत दुखद है कि उनमें से एक को हम खो रहे हैं।’
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