Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में नवनियुक्त सीजेआई यूयू ललित के लिए आज का दिन बेहद खास होगा। आज उनके कामकाज का पहला दिन भी है। शीर्ष अदालत में आज यानी सोमवार को सरकारी स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।
इसके साथ की कोर्ट शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में हिजाब और अन्य धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाले मामले की भी सुनवाई करेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई है। जिसके तहत कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

Supreme Court: हिजाब बैन को चुनौती देने वाली 23 याचिकाएं कोर्ट में हैं दाखिल

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ कुल 23 याचिकाएं दायर की गईं हैं। जिसमें से कुछ रिट याचिकाएं भी हैं। जोकि मुसलिम छात्राओं के हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करती हैं। हिजाब मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ करेगी। शीर्ष अदालत में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश ने धर्म की स्वतंत्रता और अंतरात्मा की स्वतंत्रता का एक बनाने में गलती की है। इस पर अदालत ने निष्कर्ष निकाला है कि जो लोग धर्म का पालन करते हैं उन्हें अंतरात्मा का अधिकार नहीं हो सकता। याचिका में निजता के अधिकार के तहत हिजाब पहनने के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 से भी जोड़ा गया है।
Supreme Court: जानें क्या है पूरा मामला ?
गौरतलब है कि जनवरी 22 में कर्नाटक के उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली 6 मुसलिम छात्राओं को प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इसके बाद गुस्साई छात्राओं ने परिसर के बाहर ही धरना देना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही हिजाब का विवाद छिड़ गया था।
छात्राओं के धरने पर बैठने पर उडुपी के कई कॉलेजों में हिंदू लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षा में प्रवेश करने लगे। इस घटना के बाद मामला राजनीतिक होता चला गया। देश के कई राज्यों में जबरदस्त विरोध- प्रदर्शन भी देखने को मिला था। इसके विरोध में कुछ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रूख किया, लेकिन हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा नहीं है।
संबंधित खबरें
- Bilkis Bano सामूहिक दुष्कर्म केस पहुंचा Supreme Court, दोषियों की रिहाई पर सुनवाई करने को कोर्ट तैयार
- Supreme Court: केंद्र और दिल्ली के बीच अधिकार होंगे तय, SC ने किया संविधान पीठ का गठन