Supreme Court: मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की ओर से दी गई सजा को लेकर दाखिल याचिका पर सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई करते हुए इस मामले पर CBI द्वारा दाखिल हलफनामे को खारिज किया। कोर्ट ने इस मामले पर गृह सचिव से हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि CBI ने अपने हलफनामा (Affidevit) में कहा, कि भारतीय अदालत 2002 में दिए गए सरकार के आश्वासन से बाध्य नहीं है। इसका मतलब है, कि सरकार यह कह रही है 2002 में सरकार के दिए गए आश्वासन को पूरा करने के लिए भारतीय अदालत बाध्य नहीं है।

Supreme Court: अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को नहीं मानेंगे
कोर्ट ने कहा कि सरकार कह रही है कि हम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को नहीं मानेंगे। कोर्ट ने कहा कि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर होगा, आपको आगे भी प्रत्यपर्ण करके लाना होगा। ऐसे में इस कदम का दूरगामी परिणाम होगा।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि CBI एक अभियोजन एजेंसी है, और आप एक स्टैंड लेने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या आप उप-प्रधानमंत्री द्वारा किये गए अंतरराष्ट्रीय वादों के अनुसार खड़े होंगे ?सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव को 3 हफ्ते में अपने जवाब में यह स्पष्ट करने को कहा है, कि सलेम के प्रत्यर्पण के समय भारत के उपप्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन का क्या भारत सरकार पालन करेगा?
दरअसल अबू सलेम, प्रदीप जैन और मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में दी गई सजा को लेकर कोर्ट में दाखिल अपील पर सुनवाई हो रही है। जिस पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान अबू सलेम के वकील ने सलेम को दी गई सजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
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