Supreme Court: शीना बोरा मर्डर केस में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की ओर से डाली गई जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया। सीबीआई की ओर से दलील दी गई कि इंद्राणी ने अपनी ही बेटी की हत्या का जघन्य कृत्य किया है। उसने अपनी ही बेटी शीना की योजना बनाकर हत्या करने का दुस्साहस किया। ऐसे वीभत्स कृत्य के लिए इंद्राणी के साथ नरमी और किसी भी प्रकार की उदारता नहीं की जानी चाहिए। CBI ने Supreme Court में जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इंद्राणी का जेल में उचित इलाज हो रहा है और केवल इसी आधार पर जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता।
Supreme Court: साक्ष्यों के साथ कर सकती है छेड़छाड़
CBI ने Supreme Court को बताया कि वह अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकती है। उनके गवाहों को डरा धमका भी सकती है। CBI ने इस बात की भी शंका जाहिर की है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि वह ब्रिटिश नागरिक है। उनके साथ देश छोड़कर भरने का जोखिम भी है। यदि आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है। ऐसा होता है तो ब्रिटिश नेशनल में आरोपी के रूप में मामले की चल रही सुनवाई को बाधित करेगी।
सीबीआई ने कहा कि इंद्राणी का जेल में उचित इलाज और ध्यान रखा जा रहा है। मुंबई के भायखला के महिला कारागार के जेल अधिकारियों के पास किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं। इसलिए उनहें जमानत न दी जाए।
इंद्राणी को जवाब दाखिल करने का दिया समय
Supreme Court ने इंद्राणी मुखर्जी को CBI के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
CBI ने इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है। वहीं इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि शीना बोरा जिंदा है। मुखर्जी का कहना है कि जेल की एक कैदी ने उन्हें कश्मीर में शीना बोरा से मिलने की बात कही थी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मुखर्जी के दावे में सच्चाई के बारे में CBI से जवाब मांगा था।
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