Supreme Court: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को मिली जमानत याचिका को रद्द करने की मांग की गई है। कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है, कि हाई कोर्ट ने फैसला देते हुए आशीष मिश्रा के खिलाफ सबूतों पर गौर नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका लखीमपुर खीरी हिंसा में मृतक किसानों के परिजनों ने दाखिल की है। इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा मामले आरोपी आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से मिली की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता रहे वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने याचिका दाखिल की है।
एसआईटी ने बनाया मुख्य आरोपी
लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों की मौत के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने लगभग 5 हजार पन्ने की चार्जशीट दायर की थी। जिसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया है। पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को हुई इस घटना के कुछ दिनों के बाद से ही आशीष न्यायिक हिरासत में हैं।
एक्सीडेंट की धाराओं में दर्ज है केस
इससे पूर्व सेशन कोर्ट (Court) में मामले की सुनवाई हुई थी। आशीष पर लगी धाराओं को देखते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया था, कि फिलहाल उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। आशीष मिश्रा पर पहले एक्सीडेंट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। उस समय आशीष पर गैर इरादतन हत्या की एक धारा लगी थी।
उनके वकील कोर्ट में यह साबित करने की कोशिश कर रहे थे, कि ये सिर्फ एक एक्सीडेंट था। किसानों के हमले की वजह से आशीष वहां से बचकर भाग निकले थे। भागने की कोशिश के दौरान ही कुछ किसान कुचले गए। इसी वजह से किसानों की मौत हुई,लेकिन कोर्ट ने वकील के इस तर्क को माना ही नहीं।
संबंधित खबरें
- Sheena Bora Murder Case : इंद्राणी मुखर्जी के वकील ने बीमारी की दलील देकर Supreme Court से मांगी जमानत
- Lavanya Suicide Case : Supreme Court ने कहा- मामले की CBI ही करेगी जांच