Supreme Court: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत खारिज करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। इस मामले में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गवाहों एनपीआर हुए हमले को देखते हुए यूपी सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत दे दी थी।
हाई कोर्ट से मिली जमानत को चुनौती देते हुए जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

Supreme Court: गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिए थे निर्देश
पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत दे दी थी। इसी से असंतुष्ट होकर पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
चीफ जस्टिस एनवी.रमणा और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया गया था।इस बाबत कोर्ट ने सरकार को हलफनामे के जरिये सारी जानकारी मांगी थी।

एसआईटी ने दाखिल की थी चार्जशीट
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई हिंसा मामले में एसआईटी ने 3 महीने के अंदर सीजेएम अदालत में 3 जनवरी को 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाते हुए 13 आरोपियों को मुजरिम बताया था। इन सभी के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, अंग भंग की धाराओं समेत आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।
वहीं 10 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए आशीष मिश्र मोनू की जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली थी। जमानत आदेश में धारा 302 और 120 बी का जिक्र नहीं था। लिहाजा 11 फरवरी को आशीष मिश्र के वकील ने जमानत आदेश में सुधार की अदालत में अर्जी लगाई थी।
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