Shiv Sena: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, चुनाव आयोग के पास यह मामला है कि आखिरकार शिवसेना पार्टी किसकी है? उद्धव ठाकरे गुट की या फिर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट की! पार्टी के असली हकदार को तय करने के लिए चुनाव आयोग अपनी कार्रवाई में लगा हुआ है। वहीं, इस कार्रवाई को रोकने के लिए उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से उद्धव गुट को जहां झटका लगा है, वहीं शिंदे गुट को राहत की बात कही जा रही है।

Shiv Sena: आयोग तय करेगा ‘असली’ शिवसैनिक कौन ?
मालूम हो कि शिवसेना पार्टी को लेकर उद्धव गुट और शिंदे गुट में विवाद है। वे दोनों खुद को ‘असली’ शिवसैनिक मानते हैं। इसके साथ ही वे दोनों शिवसेना पार्टी को अपना बताते हैं। लेकिन, नियम के तहत जब एक पार्टी से निकलकर दो अलग-अलग गुट बन जाते हैं, तो पार्टी का बंटवारा भी लगभग तय माना जाता है।
इसके लिए चुनाव आयोग यह निर्णय करता है कि आखिरकार वह पार्टी किसकी होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शिवसेना पर अधिकार को लेकर जारी चुनाव आयोग की कार्रवाई को रोकने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग पार्टी के सिंबल मामले में सुनवाई करने को स्वतंत्र है। कोर्ट ने कहा कि आयोग की कार्रवाई पर कोई रोक नहीं होगी।
Shiv Sena को लेकर उद्धव और शिंदे गुट में है टकराव
बता दें कि कुछ महीने पहले शिवसेना में हुए विवाद के बाद पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। इसका असर महाराष्ट्र पर यह हुआ कि उद्धव ठाकरे की सीएम की कुर्सी तक चली गई थी। वहीं, शिवसेना से अपने बागी विधायकों के साथ निकले एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। अब राज्य के एकनाथ शिंदे सीएम तो बीजेपी के देवेन्द्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं।
सरकार बनाने के बाद शिंदे गुट और उद्धव गुट में शिवसेना को अपना-अपना मानने का विवाद हो गया। इसी विवाद को लेकर चुनाव आयोग के पास मामला पहुंचा है।
यह भी पढ़ेंः