SEBI:सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) को और तीन महीने का समय दे दिया है।मामले की सुनवाई बुधवार को शीर्ष अदालत में हुई। इस दौरान सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने जांच के लिए अतिरिक्त 3 महीने का समय देने की मंजूरी दी। सेबी को अपनी जांच रिपोर्ट 14 अगस्त तक सौंपनी होगी।

SEBI: छह महीने का अतिरिक्त समय देने की मांग
SEBI:मालूम हो कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में विस्तृत जांच करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय देने की मांग की थी।याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सेबी अर्जी का जवाब हमने दाखिल किया है। साल 2021 में सेबी अडानी ग्रुप को लेकर जांच कर रही थी।ये संसद में बताया गया था। आरोप भी लगाया कि एजेंसी अडानी ग्रुप को बचाने की कोशिश कर रही है। प्रशांत भूषण ने कहा कि 7 सालों से अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
SEBI: सेबी की दलीलें
SEBI: बाजार नियामक सेबी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सेबी ने प्रतिउत्तर यानी रिजॉइंडर दाखिल किया था। रिज्वाइंडर में रेग्युलेटर की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि 2016 से अडानी समूह की जांच के दावे तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह निराधार हैं।
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