
Red Fort Attack Case: देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बडे़ केस की सुनवाई की है। साल 2000 में लाल किले पर हुए हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इसके साथ ही कोर्ट ने अशफाक की पुर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया है।
दरअसल, ये मामला है साल 2022 का, जब लाल किले पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने 22 दिसंबर को एक बड़ा हमला किया था। इस हमले में 2 सैनिकों समेत 3 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में भारतीय सेना की जबाजी के कारण लाल किला में घुसपैठ करने वाले दो आतंकी मार गिराए गए थे। लाल किला अटैक केस में दिल्ली की निचली अदालत ने आरिफ को दोषी मानते हुए उसे फांसी की सजा दी थी। ये फैसला कोर्ट ने 31 अक्टूबर 2005 को सुनाया था।

Red Fort Attack Case: 2015 में SC ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 में आरिफ और याकूब मेमन की याचिका पर ऐतिहासिक फैसला दिया था, क्योंकि कोर्ट ने दोषियों की पुनर्विचार याचिका ओपन कोर्ट में सुनी थी। इससे पहले पुनर्विचार याचिका की सुनवाई जज अपने चैंबर में करते थे। ऐसा पहला मामला था, जिसमें फांसी की सजा पाए किसी दोषी की पुनर्विचार याचिका और क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद भी कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर दोबारा सुनवाई की।

Red Fort Attack Case: साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा रखी थी बरकरार
बता दें कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अशफाक उर्फ आरिफ की फांसी की सजा को कायम रखते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी। अब एक बार फिर कोर्ट ने दोषी की सजा को लेकर दायर की गई रिव्यू पिटीशन को भी खारिज कर दिया है।
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