Pradyuman Murder Case:गुरुग्राम के बहुचर्चित प्रद्युम्न मर्डर केस की सुनवाई बुधवार को सु्प्रीम कोर्ट में हुई।सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले को फिर से जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड के पास भेज दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब JJB (Juvenile Justic Board) तय करेगा कि आरोपी छात्र (भोलू) पर बालिग या नाबालिग किस आधार पर मुकदमा चलाया जाए? अदालत के लिए यह तय करना मुश्किल है कि आरोपी पर बालिग या नाबालिग किस रूप में मुकदमा चलाया जाए क्योंकि इसके लिए विशेषज्ञों की जरूरत है। इसलिए मामले को JJB को भेजा जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए पीड़ित के पिता की अर्जी को खारिज कर दिया। दरअसल वर्ष 2017 में स्कूल के टॉयलेट में आरोपी छात्र ने एक 7 साल के मासूम की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी।घटना के समय आरोपी छात्र लगभग साढ़े 16 साल का था।
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Pradyuman Murder Case: किस आधार पर चले मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी?
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आरोपी वर्ष 2019 में 18 साल का हो गया था।ऐसे में उसके खिलाफ केस किशोर न्याय अधिनियम के तहत चले या भारतीय दंड संहिता के तहत एक वयस्क के रूप में चलाया जाए। इस मसले पर एक याचिका भी दायर की गई थी।
हालांकि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई। जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 में ही यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही JJB बोर्ड के समक्ष चल रही कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी। दिसंबर 2017 में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अपराधी को मानसिक और शारीरिक रूप से एक वयस्क माना था।
बाद में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने JJB से नए सिरे से निर्णय लेने के लिए कहा था। इस मामले में CBI ने मामले को किशोर बोर्ड से पंचकूला कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी भी दाखिल थी।
Pradyuman Murder Case: जानें क्या है पूरा मामला ?
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 दिसंबर 2017 को बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया था। स्कूल के बाथरूम में कक्षा दूसरी के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। गुरुग्राम पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल के कंडक्टर को हत्या का आरोपी बनाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
प्रद्युम्न ठाकुर का परिवार गुरुग्राम पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की। काफी दबाव के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई जांच में सामने आया कि बच्चे की हत्या स्कूल में ही पढ़ने वाले कक्षा 11वीं के छात्र ने की थी।
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