Pradeep Rai:सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन(SCBA) ने सोमवार को जस्टिस एमआर शाह की रिटायरमेंट पर विदाई समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस एमआर शाह,अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ कई एडवोकेट मौके पर उपस्थित रहे। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ वकील प्रदीप राय ने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस एमआर शाह से जुड़ी बातों को याद किया। उन्होंने कहा,”जस्टिस एमआर शाह बड़े दिल वाले सॉफ्ट व्यक्ति हैं।”
Pradeep Rai: जस्टिस एमआर शाह सभी का रखते हैं ध्यान- एससीबीए उपाध्यक्ष
सीनियर एडवोकेट प्रदीप राय ने जस्टिस एमआर शाह के बारे में बताते हुए कहा कि वे जब भी किसी को बुलाते हैं तो नाम लेकर ही बुलाते हैं इसका मतलब कि वे सभी का ध्यान रखते हैं। प्रदीप राय ने आगे कहा,”जज एमआर शाह के पिता रसिकभाई शाह 93 साल के हैं और उनकी माता 88 वर्ष की हैं और लॉर्डशिप अपने माता-पिता का बड़े ही ध्यान से ख्याल रखते हैं।”
एससीबीए के उपाध्यक्ष प्रदीप राय ने एक यादगार लम्हे को शेयर करते हुए बताया कि एक बार वे गरबा कार्यक्रम में गए हुए थे, तो उन्होंने जस्टिस एमआर शाह से मिलने के लिए अनुरोध किया। जज शाह के बुलाने पर वे उनके घर गए तो उन्होंने महसूस किया कि काफी अच्छे तरीके से जस्टिस शाह ने खाने-पीने की भी तैयारी कर रखी थी। उपाध्यक्ष प्रदीप राय ने बताया कि उन्होंने जस्टिस एमआर शाह के यहां पहली बार फाफड़ा, जलेबी और अन्य चीजें खाईं थीं।
उन्होंने आगे बताया कि जस्टिस एमआर शाह ने उन्हें यह भी बताया था कि इसे(फाफड़ा-जलेबी) खाते कैसे हैं। वहीं, प्रदीप राय ने इस विदाई समारोह में जस्टिस एमआर शाह के लिए भावुक कर देने वाली बात भी कही। उन्होंने कहा, “कल खेल में आप(जस्टिस एमआर शाह) हो ना हो चमकते रहेंगे आप सदा।” इस बात पर समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं।
गुजरात हाई कोर्ट से शुरू की थी वकालत
बता दें कि न्यायमूर्ति मुकेशकुमार रसिकभाई शाह का जन्म 16 मई, 1958 को हुआ था और उन्होंने 19 जुलाई, 1982 को एक वकील के रूप में नामांकन कराया। उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत की। उन्हें 7 मार्च, 2004 को गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 22 जून, 2005 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। उन्हें 12 अगस्त, 2018 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2 नवंबर, 2018 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट के चौथे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह सोमवार को अपने कार्यालय के आखिरी दिन अदालत कक्ष में यह कहते हुए भावुक हो गए कि वह सेवानिवृत्त होने वाले व्यक्ति नहीं हैं और जीवन में एक नई पारी शुरू करेंगे। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की मौजूदगी में, न्यायमूर्ति शाह अपने भाषण के अंत में भावुक हो गए और उन्होंने राज कपूर के गीत “जीना यहां, मरना यहां” की लाइनें गुनगुनायीं।
यह भी पढ़ेंः