Delhi Mayor Election:आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी-अभी कहा है कि मनोनीत सदस्य दिल्ली मेयर चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली के मेयर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और निर्वाचित होने के बाद मेयर डिप्टी मेयर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।
दिल्ली सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंहवी रख रहे थे पक्ष
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव जल्द होने चाहिए। शीर्ष अदालत ने साफ-साफ कहा कि मेयर चुनाव के लिए 24 घंटे के भीतर पहली मीटिंग के लिए नोटिस जारी की जाए। दिल्ली सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंहवी ने पक्ष रखते हुए नामिनेटड सदस्यों की भूमिका को बताया। सिंघवी ने अदालत में कहा कि निगम एक्ट के चैप्टर दो में इसकी पूरी प्रक्रिया है। जिसमे कहा गया है कि हर साल पहली बैठक में मेयर का चुनाव होता है। एक पार्षद को डिप्टी मेयर चुना जाता है, जबकि सेक्शन तीन के मुताबिक निगम का स्वरूप बनता है। इसमें निगम पार्षद,25 साल से अधिक आयु के निगम प्रशासन के जानकार 10 लोगों को नामित किया जाता है। इन मनोनीत लोगों को मीटिंग्स में वोटिंग का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि चुनाव जल्द होने चाहिए।

Delhi Mayor Election: चार बार टाला जा चुका है चुनाव
बता दें कि सदन में हंगामे के बाद इस पद के चुनाव को अब तक चार बार टाला जा चुका है। दरअसल, आप और भाजपा के सदस्य मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के सवाल पर सहमत नहीं हो पाए थे। शीर्ष अदालत का आदेश आप मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की उस याचिका पर आया है, जिसमें चुनाव जल्द कराने की मांग की गई थी।
केजरीवाल ने फैसले को बताया ‘लोकतंत्र की जीत’
शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश “लोकतंत्र की जीत” है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ”…SC को बहुत-बहुत धन्यवाद। दिल्ली को अब ढाई महीने बाद मेयर मिलेगा। यह साबित हो गया है कि कैसे एलजी और बीजेपी मिलकर दिल्ली में अवैध और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।
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