Manipur Violence: मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सुविधा बहाल करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार ने तर्क दिया है राज्य की स्थिति में लगातार बदलाव हो रहा है। ऐसे में इस आदेश पर अमल से मुश्किल हो सकती है। चीफ जस्टिस ने आज ही सुनवाई की बात कही।
मालूम हो कि पिछले दो माह से मणिपुर में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। राज्य के अंदर इंटरनेट पर पिछले 2 माह से अधिक समय से प्रतिबंध है।मणिपुर सरकार ने इंटरनेट पर 10 जुलाई तक के लिए बैन बढ़ा दिया था। इंटरनेट बैन के खिलाफ याचिकाओं पर मणिपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि गृह विभाग मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकता है।

Manipur Violence: 25 जुलाई को सुनवाई

Manipur Violence: मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ‘नागरिकों के जीवन और संपत्ति’ की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा का फिजिकल एग्जामिनेशन करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने इस संबंध में विस्तार रिपोर्ट मांगी।मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद, जस्टिस ए. बिमल और जस्टिस ए. गुनेश्वर शर्मा की खंडपीठ ने कहा था, “समिति की ओर से दिए गए सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करते हुए ‘फाइबर टू द होम’ (AFTTH) कनेक्शन के मामले में, गृह विभाग मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकता है।”
मणिपुर में हालात अभी बदले नहीं हैं। इंफाल पश्चिम जिले में बीते शुक्रवार की रात उग्र भीड़ ने दो वाहनों को फूंक दिया, जबकि इंफाल पूर्व जिले में दो समुदायों के बीच रुक-रुककर गोलीबारी की सूचना है।यहां के ऐतिहासिक कंगला किले के पास 150-200 लोगों की उग्र भीड़ ने दो वाहनों में आग लगा दी और पुलिस से हथियार छीनने की भी कोशिश की।
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