Lekshmana Chandra Victoria Gowri: मद्रास हाई कोर्ट में कॉलेजियम की सिफारिश पर वकील Lekshmana Chandra Victoria Gowri के जज बनाने को लेकर हंगामा देखने को मिल रहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाईकोर्ट में जज के रूप में उन्हें नामित किया है। लेकिन इसे लेकर काफी बवाल मच गया है। इस मुद्दे पर बार काउंसिल ने शिकायत करते हुए कहा है कि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
Lekshmana Chandra Victoria Gowri: दरअसल मद्रास हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कई वकीलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर गौरी के जज के रूप में नियुक्त किए जाने की सिफारिश पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि गौरी के बयानों में कट्टर विचारधारा झलकती है और वह हाईकोर्ट के जज बनने के लिए योग्य नहीं हैं। वकीलों ने पत्र में गौरी के साल 2018 के एक इटंरव्यू का भी जिक्र किया। इस इंटरव्यू के दौरान गौरी ने कथित तौर पर कहा था कि जिस प्रकार इस्लाम हरा आतंकवाद है, उसी प्रकार क्रिश्चियनिटी भी सफेद आतंकवाद है।
Lekshmana Chandra Victoria Gowri: इस मामले में कब होगी सुनवाई?
Lekshmana Chandra Victoria Gowri: इस मामले में वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर इस मामले में पुनर्विचार किया और सात फरवरी को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। बता दें कि इससे पहले गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 फरवरी को सुनवाई करने का फैसला लिया था।
वकीलों का इस मामले में कहना है कि गौरी ने राजनीतिक दल के सदस्य के रूप में भी काम किया है। वह बीजेपी की महिला मोर्चा की महासचिव रह चुकी हैं। इसको लेकर गौरी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी के सभी पदों से साल 2020 में ही इस्तीफा दे दिया था। साथ ही कहा कि वह वर्तमान में किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ी हैं। बता दें कि एडवोकेट गौरी का जन्म तमिलनाडु के कन्याकुमारी में सन् 1973 को हुआ। वह वकालत में 21 साल से भी ज्यादा का अनुभव रखती हैं।
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