Kiren Rijiju: सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव की खबरें आजकल खूब देखने को मिल रही हैं। वहीं, इन टकराव को दूर करने की भी कोशिश की जा रही है। हाल ही में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने का सुझाव दिया था। एक बार फिर से रिजिजू ने इस मसले पर अपनी बात रखी है। उन्होंने न्याय में देरी को दूर करने के लिए अपने स्तर से तरीके भी बताए हैं।
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Kiren Rijiju: सरकार और न्यायपालिका आएं एक साथ- रिजिजू
मंगलवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस को संबोधित करते हुए सरकार और न्यायपालिका को लेकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा “आज कुल लंबित मामलों की संख्या 4 करोड़ 90 लाख है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा “न्याय में देरी का मतलब न्याय से इनकार करना है। मामलों की इस देरी को कम करने का एकमात्र तरीका सरकार और न्यायपालिका का एक साथ आना है।” उन्होंने कहा कि इसमें तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पत्र में थे कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव
आपको बता दें कि हाल ही में जजों की नियुक्ति मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने CJI को पत्र लिखा था। उसके अनुसार, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया गया था। पत्र में यह भी कहा गया था कि कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही सार्वजनिक जवाबदेही के लिए इस प्रक्रिया को जरूरी बताया गया।
पत्र में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में केंद्र सरकार तथा हाई कोर्ट कॉलोजियम में संबंधित राज्य सरकार के प्रतिनिधियो को शामिल करने का सुझाव भी दिया गया था।
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