Karnataka Hijab Case: कर्नाटक हिजाब मामले में जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में मांग की गई है। मामले को सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने उठाया गया है। सीजेआई के सामने मामले को लेकर याचिकर्ता ने कहा कि परीक्षाएं होने वाली हैं। इसलिए फिलहाल परीक्षा तक मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की छूट दी जाए। कोर्ट में सीजेआई के सामने कहा गया कि फिलहाल हम छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दिए जाने की मांगी कर रहे है। वहीं, इस पर सीजेआई ने बेंच गठित करने की बात कही है।

Karnataka Hijab Case: तीन जजों की बेंच होगी गठित
मिली जानकारी के अनुसार, चीफ जस्टिस ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच गठित करने की बात कही है। CJI ने मामले पर सुनवाई करने का भरोसा देते हुए कहा इसके लिए हम बेंच का गठन करेंगे। हालांकि, कोर्ट ने अभी कोई तारीख तय नहीं की है। CJI जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले को लेकर याचिकाकर्ता से पूछा कि परीक्षा में शामिल होने में क्या समस्या है?
इस पर याचिकाकर्ता के वकील सादान फरासत ने कहा कि हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की इजाजत नहीं है। उन्होंने सीजेआई से कहा 9 मार्च से परीक्षाएं होने वाली हैं। इसलिए फिलहाल परीक्षा तक छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की छूट दी जाए।
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 10 दिन सुनवाई हुई थी लेकिन जजों की अपनी अलग-अलग राय के कारण फैसला नहीं हो सका था।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनाया था फैसला
दरअसल, कर्नाटक हिजाब मामला कॉलेज परिसर में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध से जुड़ा है। अब चूंकि परीक्षाएं होने वाली हैं तो इसमें इन छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा दिए जाने की मांग की जा रही है। वहीं, बीते साल 5 फरवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट ने 11 दिनों तक दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाया था। कोर्ट ने राज्य सरकार के हिजाब बैन के आदेश को बरकरार रखा था।
कोर्ट ने तब कहा था, “इस्लाम में हिजाब जरूरी नहीं है। ये इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं है। शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य करना ठीक है। छात्र इससे इनकार नहीं कर सकते हैं लेकिन हिजाब जरूरी नहीं होना चाहिए।” कोर्ट ने कहा था “स्कूल ड्रेस कोड तय करना उचित प्रतिबंध है, जो संवैधानिक रूप से स्वीकार है।”
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