सुप्रीम कोर्ट में विशेष CBI जज बी.एच. लोया की कथित रहस्यमय मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। सोमवार (5 फरवरी) को सुनवाई के दौरान जहां याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपनी दलीलें रखी तो वहीं सुनवाई के दौरना कोर्ट रुम में माहौल गर्मा भी गया। सुनवाई के दौरान बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के वकील दुष्यंत दवे और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के बीच तीखी बहस हुई।
सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ता बी.आर. लोने के वकील पल्लव सिसोदिया ने कहा कि वह नए सिरे से इस मामले में जांच पर ज़ोर नहीं दे रहे हैं तो दुष्यंत दवे, सिसोदिया पर हमलावर हो गए। दवे ने कहा कि इससे साफ लग रहा है कि यह याचिका मामले को खत्म करने के लिए लगाई गई थी। पल्लव सिसोदिया ने तीखे अंदाज़ में दवे से ऐसी बात ना कहने को कहा। इस पर दवे बहुत ऊंची आवाज़ में बोलने लग। इसी दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने दखल देते हुए दोनों वकीलों को फटकार लगाई। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब जज कुछ बोल रहे हैं तो आपको सुनना चाहिए लेकिन दुष्यंत दवे इसके बावजूद नहीं रुके। दवे ने जस्टिस को कहा कि मैं आपकी बात नहीं सुनूंगा, मुझे शक है कि इस मामले में न्याय मिलेगा। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा अगर ऐसा है तो हम आपको नहीं सुनेंगे।
बहस के दौरान पल्लव सिसोदिया ने यह तक कह दिया कि दुष्यंत दवे स्वर्ग या नरक में जायें मुझे इस से मतलब नहीं। दरअसल दवे का कहना था कि सिसोदिया अमित शाह के लिए पहले पेश हो चुके हैं, और अब जज लोया की मौत वाली याचिका में बहस कर रहे हैं, ऐसे में यह हितों का टकराव है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वकीलों को कोर्ट कि गरिमा का ख्याल रखना चाहिये और संयमित बर्ताव करना चाहिए।
इससे पहले मामले में एक और याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला की तरफ से कोर्ट में हलफनामा दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील वी गिरी ने कोर्ट को बताया कि जज लोया का पोस्टमार्टम नागपुर के कुंडा अस्पताल में किया गया जिसका कोई दस्तावेज नही है। किसी भी डॉक्टर का बयान दर्ज नहीं किया गया जबकि वह मौके पर मौजूद थे। इस पर महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि पहले दस्तावेजों को देख लिया जाए, साथ ही वकील हरीश साल्वे ने कहा कि सबके बयानों को दर्ज किया गया है। वकील वी गिरी ने कहा कि इस मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए ताकि लोगों को पता चले कि वाकई में क्या हुआ था। ऐसे कई सवाल हैं जिनकी जांच की जानी चाहिए और जांच SIT से कराई जाए। मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी।