Education Board से चयनित अध्यापक को प्रधानाचार्य के पद पर तैनाती देने के संदर्भ में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज के सचिव को दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता एवं प्रबंध समिति की दलीलों को सुनने के बाद सचिव को मऊ जिले के भदांव इंटर कालेज में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त करने के लिए दो महीने में निर्णय लेने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता से सचिव महोदय को दो हफ्ते में प्रत्यावेदन देने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने राम नारायण मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका पर शिक्षा बोर्ड की तरफ से अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तर्क रखा।
गौरतलब है कि इंटर कालेज के प्रधानाचार्य के पद पर साल 2011 में याचिकाकर्ता का चयनय हुआ था और उसे राष्ट्रीय इंटर कालेज, शाहपुर, मुजफ्फरनगर में नियुक्ति मिली थी। किन्तु शासनादेश के खिलाफ जाते हुए कालेज की प्रबंध समिति ने याचिकाकर्ता को कार्यभार ग्रहण कराने से इंकार कर दिया था।
शिक्षा विभाग नियुक्ति के लिए पहले भी दे चुका है आदेश
उसके बाद इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक ने 24अगस्त 2019 को प्रबंध समिति को आदेश दिया था कि याचिकार्ता को प्रधानाचार्य के पद पर कार्यभार ग्रहण कराया जाए। इसके बावजूद समिति ने उसे कार्यभार ग्रहण करने नहीं दिया।
इसी बीच भदांव इंटर कालेज, मऊ के प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वहां पद रिक्त है और वरिष्ठतम अध्यापक होने के नाते याचिकाकर्ता को कार्यवाहक प्रधानाचार्य का कार्यभार सौंपा गया है और यह पद भी साल 2011 की भर्ती में शामिल था।
इसी मामले के मद्देनजर याचिकाकर्ता ने पद पर स्थायी तैनाती की मांग की है। लेकिन कहीं सुनवाई न होने पर याचिकाकर्ता को यह मामला कोर्ट में दायर करना पड़ा। जिस पर कोर्ट ने सचिव बोर्ड को दो महीने में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।