Gyanvapi Case : व्यास जी तहखाने में जारी रहेगी पूजा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी अदालत के फैसले को सही बताया

0
20

Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मामले में व्यास जी तहखाने में पूजा को लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट ने आज यानी सोमवार (26 फरवरी) को बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किया और कहा कि तहखाने में पूजा-पाठ जारी रहेगा। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल बेंच ने इस मामले पर फैसला सुनाया। बता दें कि पिछले दिनों वाराणसी जिला जज ने व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की इजाजत दी थी। जिसके विरोध में मुस्लिम पक्ष अपनी याचिका लेकर हाईकोर्ट गया था। हाई कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।

हाई कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। 15 फरवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूजा करने को लेकर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नकवी व यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने दलीलें पेश की थीं। जबकि हिन्दू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन और विष्णु शंकर जैन ने बहस की थी। वहीं, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता विनीत संकल्प ने दलीलें पेश की थीं।

बता दें कि मुस्लिम पक्ष, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाई कोर्ट में वाराणसी डिस्ट्रिक्ट जज के 17 जनवरी और 31 जनवरी (2024) के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें जिला जज ने हिन्दू पक्ष की याचिका पर ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा कराने के आदेश दिया था।

क्या है व्यासजी तहखाने में पूजा पाठ का मामला?

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चार तहखाने मौजूद हैं जिनमें से एक में करीब 3 दशक तक पहले व्यास परिवार पूजा पाठ करते थे। इस तहखाने को व्यास जी का तहखाना भी कहा जाता है। यह तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिण में स्थित है। याचिका के मुताबिक, पुजारी सोमनाथ व्यास वर्ष 1993 तक वहां पूजा-पाठ करते थे। हिन्दू पक्ष की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने तहखाने पर ताला लगा दिया था। जिसके बाद से उन्हें वहां भगवान की अराधना नहीं करने दी गई।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here