Delhi HC: असम राज्य को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले चिकन नेक इलाके को अलग करने के बयान देने से राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे शरजील इमाम ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। दिल्ली हाईकोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 26 मई को होगी।
ASJ अमिताभ रावत के कोर्ट में 24 जनवरी को सुनवाई में शरजील इमाम को जमानत देने से इनकार किया गया था। उनके खिलाफ देशद्रोह समेत अन्य धाराओं में आरोप तय करने के आदेशों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। निचली अदालत की ओर से जमानत नहीं दिए जाने के खिलाफ दाखिल अर्जी पर हाई कोर्ट 9 मार्च को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चुका है। आरोप तय करने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर दिल्ली पुलिस को शुक्रवार नोटिस जारी किया गया।
Delhi HC: देशद्रोह की धारा लगी है
इस ममाले की सुनवाई कर रहे कड़कड़डूमा कोर्ट के जज ASJ अमिताभ रावत ने शरजील इमाम पर देशद्रोह की धारा IPC 124A के साथ 153A, 153B और 505 और UAPA की धारा 13 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इमाम ने दिसंबर 2019 में दिए गए भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा। शरजील इमाम पर आरोप है, कि अपने भाषण में असम राज्य को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले चिकेन नेक इलाके को अलग करने की बात कही थी।
वर्ष 2019 में भी मिली थी जमानत
जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को वर्ष 2019 में जामिया यूनिवर्सिटी में कथित हिंसा के मामले में दिल्ली की साकेत जिला कोर्ट से जमानत मिली है। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने शरजील को 25,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि पर आज जमानत दे दी। मजिस्ट्रेट ने कहा कि अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उसे जनामत दी जाती है। कहा, कि इस तथ्य को भी ध्यान में रखा गया है, कि जांच के दौरान उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था, इसीलिए शरजील के जमानत के आवेदन को स्वीकार किया जाता है।
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