Uphaar Cinema Case: उपहार सिनेमा कांड में साक्ष्यों से छेड़छाड़ के मामले में Delhi High Court ने Ansal Brothers और अन्य की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में उपहार सिनेमा के मालिक अंसल बंधुओं ने अपनी सजा निलंबित नहीं करने के सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया है।
Trial Court ने Ansal Brothers को 7 साल की सजा सुनाई थी
निचली अदालत ने अंसल बंधुओं द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ में सजा को निलंबित करने की अर्जी को खारिज कर दिया था। दरअसल दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1997 के उपहार सिनेमाघर अग्निकांड मामले में सुशील और गोपाल अंसल को सबूतों के साथ छेड़छाड़ का दोषी मानते हुए 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती दी गई थी और मामले पर सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने पिछले साल 3 दिसम्बर को याचिका खारिज कर दी थी।
दोषी सज़ा के हकदार हैं: कोर्ट
उपहार कांड पर सजा सुनाते वक्त जज ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह मामला काफी लम्बे समय से चल रहा था। मामले की जटिलताओं की वजह से इस मामले के निष्कर्ष पर पहुंचना आसान नहीं था। CMM पंकज शर्मा ने कहा था कि कई रातों तक इस मामले पर सोच विचार करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सका है कि दोषी सज़ा के हकदार हैं।
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केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी असंल बधुओं- सुशील और गोपाल अंसल को पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 साल की सज़ा सुनाई थी। दोनों को 2.25-2.25 करोड़ का जुर्माना भी देने को कहा था। इसके अलावा CMM पंकज शर्मा ने मामले के अन्य आरोपी कोर्ट के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा, पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी 7-7 साल की सजा सुनाई थी।
उपहार सिनेमा कांड में 59 लोगों की हुई थी मौत
दिल्ली के उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को हिन्दी फिल्म Border की स्क्रीनिंग के दौरान 59 दर्शकों की मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज की गई थी। जिसमें IPC की धारा 120-बी, 109, 201 और 409 के तहत अपराध करने का मामला दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट में यह मामला उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दाखिल किया था।
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