सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआई के विशेष जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (8 मार्च) को भी सुनवाई जारी रही।… गुरुवार (8 मार्च) की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से मौत के कारणों पर संदेह करते हुए दलीलें पेश की गईं।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्त्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि सुनंदा पुष्कर मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर दूसरी पार्टी को सुने बिना कोर्ट नोटिस जारी कर देता है लेकिन जिरह के दौरान जो बातें हम कहते हैं उसका एक्सप्लेनेशन खुद ही कोर्ट देने लगता है। इस पर जस्टिस ए एम खानविलकर ने कहा कि हमे किन मामलों में नोटिस करना है और किसमें नहीं, हमे कारण बताने की जरूरत नहीं है। दुष्यंत दवे ने सवाल उठाते हुए कहा जब मुकुल रोहतगी जिरह कर रहे थे तब कोर्ट ने कोई सवाल नहीं पूछा, इस पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जवाब देते हुए कहा कि सिस्टम ही ऐसा है कि हम जिरह सुनकर फैसला देते हैं। हमें किसी सर्टिफ़िकेट की जरूरत नहीं है, जो हम फैसला देते हैं वो दिलो दिमाग और अंतर्मन से निकलता है। आप तय नही करेंगे हमे क्या फैसला देना है।

सुनवाई के दौरान एक बार फिर दुष्यंत दवे ने महाराष्ट्र के लिए पेश वकील पर सवाल उठाते हुए अमित शाह का जिक्र किया। दुष्यंत दवे ने फिर दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सुनवाई कर रहे जज का तबादला नहीं किया जाएगा लेकिन दूसरे जज की नियुक्ति हुई। उस जज ने मामले को खारिज कर दिया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सीबीआई ने इस मामले में अपील नहीं दायर की। उन्होंने सरकार की तरफ से पेश रिपोर्ट को भी खारिज करने की अपील की। मामले पर शुक्रवार (9 मार्च ) को भी सुनवाई जारी रहेगी। शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के वकील की तरफ से दलीलें रखी जाएंगी।

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